यूपी में SDM ने गवर्नर को किया तलब, मचा हड़कंप; राजभवन से तत्काल हुई ऐसी प्रतिक्रिया, सचिव ने DM को हिला दिया!
SDM Summoned Governor Anandiben Patel in UP Latest News Update
SDM Summoned Governor in UP: उत्तर प्रदेश से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बदायूं स्थित सदर तहसील के एसडीएम ने गवर्नर को ही तलब कर डाला। एसडीएम ने गवर्नर के नाम समन जारी करते हुए पेश होने का आदेश दिया। इधर जैसे ही इस आदेश की कॉपी राजभवन पहुंची तो हड़कंप मच गया। जिसके बाद राजभवन की तरफ से तत्काल प्रतिक्रिया हुई और गवर्नर आनंदी बेन पटेल के विशेष सचिव ने बदायूं डीएम को आदेश से अवगत कराया और साथ में चेतावनी जारी की।
गवर्नर आनंदी बेन पटेल के विशेष सचिव द्वारा डीएम को लिखी गई चिट्ठी में चेतावनी देते हुए कहा गया कि, संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है, लेकिन फिर भी एसडीएम ने विधि-व्यवस्थाओं को नजरअंदाज किया और कोई परवाह नहीं करते हुए महामहिम गवर्नर के नाम समन जारी कर दिया और गवर्नर को SDM कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दे दिया। विशेष सचिव ने डीएम से कहा कि, ये जो कुछ भी हुआ है इसमें आवश्यक कार्रवाई की जाए।
मामला क्या था? जिस पर SDM ने गवर्नर को तलब कर लिया
आज तक की रिपोर्ट् के मुताबिक, बदायूं के ग्राम लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के SDM की न्यायिक कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित एक अधिकारी व गवर्नर को पक्षकार बनाते हुए जमीन को लेकर एक याचिका दायर की थी। दायर याचिका के मुताबिक, चंद्रहास की चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली। इसके बाद में उसको लेखराज के नाम बेच दी। कुछ दिन बाद बदायूं बाईपास स्थित ग्राम बहेड़ी के समीप उक्त जमीन का कुछ हिस्सा गवर्नर शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया। उस संपत्ति के अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में मिली।
जहां इस बाबत जानकारी होने के बाद कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के SDM की न्यायिक कोर्ट में याचिका दायर कर दी। वहीं इस याचिका पर एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए लेखराज और गवर्नर को धारा 144 राज्य संहिता के तहत एक समन जारी कर दिया। जिसके बाद जब यह समन राजभवन पहुंचा तो हैरानी जताई गई और गवर्नर के विशेष सचिव ने आपत्ति जताते हुए डीएम बदायूं की चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में विशेष सचिव ने ज़ोर दिया कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता।
विशेष सचिव ने कहा कि, एसडीएम ने संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन किया है। सचिव ने डीएम बदायूं से मामले में हस्तक्षेप कर नियमानुसार पक्ष रखने व नोटिस जारी करने वाले के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। वहीं डीएम ने कहा कि, संबंधित एसडीएम को महामहिम गवर्नर के विशेष सचिव द्वारा जारी किए गए पत्र और चेतावनी से अवगत करा दिया गया है।