कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुले, लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं को नहीं मिली एंट्री

कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुले, लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं को नहीं मिली एंट्री

कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुले

कर्नाटक में 10वीं तक के स्कूल खुले, लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं को नहीं मिली एंट्री

उडुपी। कर्नाटक के हिजाब विवाद के बीच राज्य के सभी दसवीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है। ‌कर्नाटक के कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के बाद खूब विरोध हुआ, जिस पर अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है। यह विवाद इतना बिगड़ गया कि देशभर में अलग-अलग जगहों पर हिजाब मामले को लेकर गर्माहट बढ़ गई। इन सबके बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को राज्य के सभी 10वीं तक के स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है, जिसके बाद आज  दूसरे दिन भी  सभी छात्र स्कूल जाते हुए नजर आए।

पिछले महीने कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी वीमेंस कालेज में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था, जिसको लेकर बड़ा बवाल मच गया। आज पूरे देश में जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। हिसाब विवाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में है। जिस पर बीते सोमवार को सुनवाई हुई थी, जो आज फिर से जारी होगी। इन सबके बीच पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए, राज्य सरकार ने स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया है, जिसके तहत कक्षा 1 से लेकर 10 तक के स्कूल 14 फरवरी से खोल दिए गए हैं। स्कूल खुलने के बाद, आज दूसरा दिन है। राज्य भर में छात्रों की भीड़ आज भी अपने-अपने स्कूल जाते हुए दिखाई दी। उडुपी में सरकारी हाई स्कूल के छात्र का यह दृश्य आया सामने आया है -

आपको बता दें कि रविवार को हुबली में प्रेस कान्फ्रेंस में सीएम बसवराज बोम्मई ने 10वीं तक के स्कूल खुलने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने स्कूल खुलने पर स्कूलों में शांति बनाए रखने की अपील की।

हिजाब पहनकर प्रवेश कर रही छात्रा पर शिक्षका और अभिभावक के बीच हुई बहस

कल राज्य में स्कूल खोलने का पहला दिन था, जब राज्य के मांड्या जिले में रोटरी स्कूल के बाहर एक बार फिर हिजाब मुद्दा बन गया। जहां विद्यालय के बाहर गेट पर ही एक शिक्षका और छात्रा के अभिभावक के बीच बहस शुरू हो गई। जब छात्रा हिजाब पहने स्कूल में प्रवेश कर रही थी तो, शिक्षिका ने उसे गेट पर ही रोक लिया। शिक्षिका ने छात्रा से हिसाब उतारकर अंदर जाने को कहा, जिस पर उसके अभिभावक में बहस शुरू कर दी।

एक अभिभावक का कहना है, 'छात्रों को कक्षा में जाने की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद, हिजाब उतार दिया जा सकता है, लेकिन वे हिजाब के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं'