ऐसी याचिका लाए हो, क्यों न जुर्माना लगा दें... संसद की नई इमारत के उद्घाटन का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, फिर वहां जो हुआ खुद देखिए
SC Hearing on New Parliament Building Inauguration
SC Hearing on New Parliament Building: देश की राजधानी दिल्ली में संसद की नई इमारत बनकर तैयार हो गई है। जहां 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की इस नई इमारत का उद्घाटन करेंगे। मगर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दल पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि, संसद की नई इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कराया जाए। ऐसा न होने पर विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह में न शामिल होने का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पूरे मामले में सुनवाई की है और अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई
बतादें कि, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए यह कहा गया कि संसद की नई इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से न कराए जाने पर संविधान का अपमान किया जा रहा है। ये राष्ट्रपति का भी अपमान है। याचिका में कहा गया कि राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है और लोकतांत्रिक संस्था का भी प्रमुख है. ऐसे में राष्ट्रपति द्वारा ही संसद की नई इमारत का उद्घाटन होना चाहिए। याचिका में अनुरोध किया गया कि, सुप्रीम कोर्ट निर्देश यह निर्देश जारी कर दे कि संसद की नई इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कराए जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई, खारिज की याचिका
इधर, याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कुछ भी करने से साफ मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि, हमें पता है कि यह याचिका क्यों दाखिल की गई है। ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हम ऐसी याचिकाओं पर जुर्माना भी लगा सकते हैं... लेकिन गनीमत समझिए कि लगा नहीं रहे। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।