SBI रिसर्च ने रिपोर्ट में RBI के इस खास फैसले की जमकर की तारीफ

SBI रिसर्च ने रिपोर्ट में RBI के इस खास फैसले की जमकर की तारीफ

SBI रिसर्च ने रिपोर्ट में RBI के इस खास फैसले की जमकर की तारीफ

SBI रिसर्च ने रिपोर्ट में RBI के इस खास फैसले की जमकर की तारीफ

नई दिल्‍ली। Home Loan और Car Loan महंगा न करके RBI ने बड़ी राहत दी है। क्‍योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लगातार दसवीं बार नीतिगत दर और उदार रुख बरबरार रख सबको चौंकाने के साथ ही नीतिगत रुझान और नीतिगत रणनीति के बीच साफ फर्क भी रखा है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के बाद बॉन्ड प्रतिफल गुरुवार को सात आधार अंक (0.07 प्रतिशत) गिरकर 6.73 प्रतिशत पर आ गया। RBI की घोषणा के फौरन बाद तो इसमें 0.1 प्रतिशत की गिरावट आ गई थी लेकिन बाद में स्थिति थोड़ी सुधर गई।

इसके उलट बजट पेश किए जाने के दिन 7.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा के बाद बॉन्ड प्रतिफल बढ़कर 6.88 प्रतिशत पर पहुंच गया था। RBI ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही उसने अगले वित्त वर्ष में थोक मूल्य सूचकांक करीब 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

SBI में मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष को लगता है कि 10 वर्षीय बॉन्ड के प्रतिफल में अभी और गिरावट आएगी और यह 6.55-6.6 प्रतिशत के स्तर पर जाकर स्थिर होगा। उन्होंने कहा कि भले ही आरबीआई के नीतिगत वक्तव्य से बाजार अचंभित हुआ लेकिन केंद्रीय बैंक शायद बाजार की उम्मीदों से आगे रहा है। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई की नीतिगत रणनीति एवं रुझान अलग-अलग रह सकते हैं। उन्होंने इसे सही मायने में एक गैर-परंपरागत मौद्रिक नीति बताई।

घोष ने कहा कि आरबीआई ने रणनीति और रुझान के बीच फर्क को साफ करने के साथ ही यह भी जता दिया है कि दोनों एक साथ बने रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही एक दूसरे के पूरक के तौर पर काम करते हैं।