संत निरंकारी मिशन द्वारा मानव एकता दिवस का आयोजन
- By Vinod --
- Thursday, 10 Apr, 2025

Sant Nirankari Mission organized Human Unity Day
Sant Nirankari Mission organized Human Unity Day- चंडीगढ़, पंचकूलाI आध्यात्मिकता ही मानव एकता को मजबूती दे सकती है तथा मानव को मानव के निकट लाकर आपसी प्रेम और सौहार्द का वातावरण बना सकी है। इसी मन्तव्य से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के आशीर्वाद से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘मानव एकता दिवस’ का आयोजन 24 अप्रैल, 2025 को जहाँ एक ओर ग्राउंड नं0 8, निरंकारी चौक, बुराड़ी में किया जायेगा वहीं भारतवर्ष के प्रत्येक ब्राँचों में भी श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होकर बाबा गुरबचन सिंह जी एवं मिशन के अनन्य भक्त चाचा प्रताप सिंह जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगें और उनके महान जीवन से प्रेरणा लेगें।
संत निरंकारी मण्डल के सचिव एवं समाज कल्याण विभाग के प्रभारी आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि सतगुरु की असीम कृपा से इस वर्ष भी सम्पूर्ण विश्व के लगभग 500 से अधिक स्थानों पर संत निरंकारी मिशन की समाज कल्याण शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में रक्तदान शिविर की अविरल श्रृंखलाओं का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जायेगा जिसमें लगभग 50,000 से अधिक रक्तदाता मानवता की भलाई हेतु रक्तदान कर निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
मानव एकता दिवस के अवसर पर संत निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30 ए चंडीगढ़ में दिनांक 24 अप्रैल 2025 को रक्तदान शिविर लगाया जाएगा।
दिल्ली के बुराड़ी स्थित ग्राउंड नंबर 8 में प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे आयोजित होने वाले इस रक्तदान शिविर में रक्त संग्रहित करने हेतु विभिन्न अस्पतालों के प्रशिक्षित डाक्टर एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की टीम सम्मिलित होंगी। साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी आयोजित रक्तदान शिविरों में स्थानीय अस्पतालों के डाक्टर एवं नर्स रक्त संग्रहित करने हेतु इस सेवा को निभाने के लिए तत्पर रहेंगे। इसके अतिरिक्त सभी स्थानों पर सत्संग कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा।
जैसा कि सर्वविदित ही है कि युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी समाज कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। प्रत्येक भक्त के जीवन को वास्तविक रूप में एक व्यावहारिक दिशा प्रदान की जिसके लिए मानवता उनकी सदैव ही ऋणी रहेगी।
युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा सन् 1986 से आरम्भ हुई परोपकार की यह मुहिम, महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। पिछले लगभग 4 दशकों में आयोजित 8644 शिविरों में 14,05,177 युनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी है।
निश्चित रूप में लोक कल्याण हेतु चलाया जा रहा यह अभियान निरंकारी सतगुरु की प्रदत्त सिखलाइयो को दर्शाते हुए एक दिव्य संदेश प्रेषित कर रहा है जिससे हर प्राणी प्रेरणा प्राप्त कर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहा है।