तुझे देश बचाने की नहीं, देश को तुझसे बचाने की जरूरत है ... केजरीवाल के बयान पर संदीप दीक्षित का पलटवार; 13 सवालों के साथ दी चुनौती!
- By Arun --
- Tuesday, 14 Jan, 2025
Sandeep Dikshit Challenges Kejriwal with 13 Questions After His Statement on Saving the Nation
नई दिल्ली, 14 जनवरी: Sandeep Dikshit Challenges Kejriwal with 13 Questions: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने तीखा पलटवार किया। केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पार्टी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि उनकी खुद की लड़ाई देश को बचाने की है। इस पर संदीप दीक्षित ने उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी चुनौती दी और कहा, "तुझे देश बचाने की नहीं, बल्कि देश को तुझसे बचाने की जरूरत है।"
संदीप दीक्षित ने उठाए 13 सवाल
संदीप दीक्षित ने केजरीवाल पर सवालों की झड़ी लगाते हुए उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सोनिया गांधी को जेल भेजने की धमकी दी, लोकपाल के नाम पर लोगों को गुमराह किया, शीला दीक्षित के बारे में झूठ फैलाए, महलों में ऐश की, विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च किए, और शराब की दलाली का आरोप भी लगाया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि जब कोविड-19 के दौरान लोग ऑक्सीजन और बेड की कमी से जूझ रहे थे, तब केजरीवाल कहां थे?
केजरीवाल की नीतियों पर सवाल उठाते हुए दीक्षित ने आरोप लगाया
संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने किसान पराली जलाने का आरोप मढ़ा, यमुना सफाई का झूठा वादा किया, और कांग्रेस के किए गए कार्यों को अपनी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल राज्य दर राज्य कांग्रेस के वोट काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे थे।
संदीप दीक्षित का तीखा संदेश
संदीप दीक्षित ने कहा कि "इन सवालों की इतनी लंबी सूची है कि लोग पढ़ते-पढ़ते थक जाएंगे। तुझे देश बचाने की नहीं, देश को तुझसे बचाने की जरूरत है।"
राहुल गांधी और केजरीवाल के बीच तीखी बयानबाजी
यह विवाद तब और बढ़ा जब राहुल गांधी ने दिल्ली के सीलमपुर में कांग्रेस की रैली में केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। राहुल गांधी ने दोनों नेताओं की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी रणनीतियों का मकसद पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करना है। साथ ही, उन्होंने जाति जनगणना पर इन नेताओं की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होते राजनीतिक मोर्चे
यह बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बढ़ती राजनीतिक तकरार को दर्शाते हैं, जो आगामी चुनावों में दोनों पार्टियों के लिए अहम हो सकता है।