संभल हिंसा: सर्वे रिपोर्ट पेश करने को एडवोकेट कमिश्नर ने मांगे 15 दिन, मस्जिद कमेटी ने जताई आपत्ति

संभल हिंसा: सर्वे रिपोर्ट पेश करने को एडवोकेट कमिश्नर ने मांगे 15 दिन, मस्जिद कमेटी ने जताई आपत्ति

Jama Masjid dispute

Jama Masjid dispute

Jama Masjid dispute: संभल में जामा मस्जिद के विवाद के मामले में कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट अभी तक दाखिल नहीं की गई है. इस पर जामा मस्जिद पक्ष के वकीलों आपत्ति दर्ज कराई है. वकीलों ने कोर्ट में रिपोर्ट में होने वाली देरी पर शक जाहिर किया है. वकीलों ने कोर्ट से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय न दिए जाने का अनुरोध किया है. वहीं कोर्ट कमिश्नर ने 15 दिन का समय मांगा है. कोर्ट कमिश्नर ने कहा है कि स्वास्थ्य सही रहा तो 15 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 6 जनवरी को बंद लिफाफे में कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट दी जा सकती है. वहीं कोर्ट में रिपोर्ट के लिए अग्रिम तारीख देने पर मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने आपत्ति जताई है. 8 जनवरी को जामा मस्जिद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी. इससे पहले 29 नवंबर को रिपोर्ट पेश करने के लिए सिविल जज से 10 दिनों का समय मांगा गया था. दरअसल सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान रमेश सिंह राघव कोर्ट कमिश्नर ने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला दिया.

मुस्लिम पक्ष के वकील सदर जफर अली ने कहा कि रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अग्रिम तारीख दिए जाने पर आपत्ति दर्ज करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हाई कोर्ट में रिट दायर करने की भी तैयारी की जा रही है. वहीं दूसरी ओर शाही जामा मस्जिद प्रकरण में कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे रिपोर्ट पेश न करने के मामले में जामा मस्जिद के पैनल अधिवक्ता एडवोकेट कासिम जमाल और एडवोकेट और जामा मस्जिद सचिव मसूद फारूकी ने कहा है कि उनकी पूरी तैयारी हो चुकी है, रिपोर्ट पेश होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

मसूद फारूकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोर्ट कमिश्नर को बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करनी है. बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने के बाद उन्हें पत्रावली मिलेगी. उसके बाद वह आपत्ति दर्ज करेंगे. उनकी तरफ से पूरी तैयारी चल रही है पूरा पैनल ने डॉक्यूमेंट्री तैयार की है. जफर अली एडवोकेट जो की जामा मस्जिद सदर हैं उनके नेतृत्व में पैनल बना है. उन्होंने कहा कि 24 तारीख को जो सर्वे हुआ था उसमें जामा मस्जिद पक्ष की ओर से पूरा सहयोग किया गया था. इस बीच पुलिस और पब्लिक में विवाद हो गया. सब कमेटी के लोग अंदर ही थे. जो भी हुआ बहुत दुखद हुआ. जो भी जमा मस्जिद की तरफ से वह डॉक्यूमेंट पेश करेंगे उस पर आपत्ति हम दर्ज की जाएगी.