S&P Global Ratings ने कहा, भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार; कर्ज का दबाव बर्दाश्त करने में सक्षम

S&P Global Ratings ने कहा, भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार; कर्ज का दबाव बर्दाश्त करने में सक्षम

S&P Global Ratings

S&P Global Ratings ने कहा, भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार; कर्ज का दबाव बर्दाश्त करने में

S&P Global Ratings: India के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे देश ऋण संबंधी दबाव बर्दाश्त करने में सक्षम है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स(S&P Global Ratings) ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। एसएंडपी सॉवरेन एंड इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिंग्स(International Public Finance Ratings) के निदेशक एंड्रयू वुड ने वेबगोष्ठी - इंडिया क्रेडिट स्पॉटलाइट-2022(India Credit Spotlight-2022) में कहा कि देश का बाह्य बही-खाता मजबूत है और विदेशी कर्ज सीमित है। इसलिए कर्ज चुकाना बहुत अधिक महंगा नहीं है। वुड ने कहा, ‘‘हम आज जिन चक्रीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, देश ने उनके खिलाफ बफर का निर्माण किया है।’’

भारत की साख पर गंभीर असर नहीं

उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी को नहीं लगता है कि निकट अवधि के दबावों का भारत की साख पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’’ उन्होंने साथ ही जोड़ा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर की गति मध्यम रही है। इस साल अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये में लगभग सात प्रतिशत की गिरावट आई है, हालांकि रुपये का प्रदर्शन अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर रहा है।

पाकिस्तान की रेटिंग घटाकर ‘नकारात्मक’ की थी

रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने पाकिस्तान की दीर्घकालिक रेटिंग को ‘स्थिर’ से घटाकर ‘नकारात्मक’ कर दिया था। नकदी की कमी से जूझ रहा यह देश भारी महंगाई, रुपये की कीमत में गिरावट और सख्त वैश्विक वित्तीय दशाओं से जूझ रहा है। न्यूयॉर्क स्थित एजेंसी ने  पाकिस्तान पर अपनी रेटिंग लंबी अवधि के लिए ‘बी ऋणात्मक’ और छोटी अवधि के लिए ‘बी’ तय की थी। एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘वस्तुओं की ऊंची कीमतों, सख्त वैश्विक वित्तीय दशाओं और कमजोर रुपये के चलते पाकिस्तान की वाह्य स्थिति कमजोर हुई है।’’ एजेंसी ने कहा कि अगर पाकिस्तान के बाह्य संकेतकों में गिरावट जारी रहती है, तो वह अपनी रेटिंग कम कर सकता है, लेकिन अगर इसकी बाह्य स्थिति स्थिर हो जाती है और इसमें सुधार होता है तो इसे स्थिर के रूप में संशोधित किया जा सकता है। नकारात्मक दृष्टिकोण अगले 12 महीनों के दौरान बाह्य क्षेत्र में पाकिस्तान की नकदी स्थिति के बढ़ते जोखिमों को दर्शाता है।