Ruckus in BJP over alliance with Halopa

हलोपा से गठबंधन पर भाजपा में रार, रणजीत चौटाला ने बैठक बुला समर्थकों को किया लामबंद

Ruckus in BJP over alliance with Halopa

Ruckus in BJP over alliance with Halopa

Ruckus in BJP over alliance with Halopa- चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। भाजपा के हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और हरियाणा लोकहित पार्टी पार्टी के अध्यक्ष एवं सिरसा से विधायक गोपाल कांडा की मुलाकात के भाजपा और हलोपा में गठबंधन की संभावनाएं बढ़ गई है। हालांकि अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। इसी बीच सिरसा जिले की रानियां विधानसभा से हलोपा ने दावेदारी पेश की है। वहीं कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने स्पष्ट किया है वे विधानसभा का चुनाव हर हाल में लड़ेंगे। उनकी पहली प्राथमिकता भाजपा को चुनाव लडऩे की है, क्योंकि वे अब भाजपा का हिस्सा हैं।  रानियां हलके से भाजपा किसको टिकट देगी, इसका फैसला हाईकमान करेगा। अभी हलोपा के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यदि भाजपा रानियां सीट गठबंधन में गोपाल कांडा को देती है तो फिर उन्हें मजबूरन अपने फैसले पर विचार करना पड़ेगा।

बता दें कि देश के उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के पुत्र रणजीत चौटाला लंबे समय से राजनीति में हैं। वर्ष 2019 में रानियां से निर्दलीय विधायक चुनकर आए थे और भाजपा सरकार में पूरे पांच साल कैबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2019 में गठबंधन में मनोहर लाल के नेतृत्व में बनी सरकार में रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली और उन्हें बिजली व जेल महकमे का जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद मार्च 2024 में गठबंधन को तोडक़र जब भाजपा ने निर्दलियों के सहारे सरकार बनाई तो तब भी रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली।

मार्च माह में रानियां से निर्दलीय विधायक से इस्तीफा देकर रणजीत चौटाला भाजपा में शामिल हुए और लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से रणजीत चौटाला 63 हजार वोटों से हार गए। रणजीत चौटाला को 507043 वोट मिले थे।

रानियां से निर्दलीय विधायक निर्वाचित होने के बाद रणजीत चौटाला का निर्दलीय विधायकों को एकजुट करने में अहम भूमिका रही थी। निर्दलीय विधायक और जजपा के 10 विधायकों के समर्थन से मनोहर लाल ने दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। वहीं निर्दलीय विधायकों के कोटे से रणजीत चौटाला ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। मनोहर लाल ने उन्हें बिजली विभाग का महत्वपूर्ण जिम्मा सौंपा था।