RSS Chief Mohan Bhagwat- केंद्र ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई; Z+ सिक्योरिटी अब ASL में तब्दील

केंद्र ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई; Z+ सिक्योरिटी अब ASL में तब्दील, IB की इस रिपोर्ट के बाद अचानक फैसला

RSS Chief Mohan Bhagwat Z Plus Security To ASL Security Upgraded

RSS Chief Mohan Bhagwat Z Plus Security To ASL Security Upgraded

RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई गई है। भागवत की सुरक्षा अब और मजबूत कर दी गई है। मोहन भागवत को पहले से ही Z+ सिक्योरिटी मिली हुई थी। लेकिन केंद्र ने भागवत की Z+ सिक्योरिटी अब ASL (Advance Security Liaison) में तब्दील कर दी है। जिसके बाद अब मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद सबसे तगड़े सुरक्षा घेरे में रहेंगे।

IB की इस रिपोर्ट के बाद अचानक फैसला

रिपोर्ट्स के अनुसार, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की थ्रेट रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाए जाने का फैसला लिया। आईबी ने अपनी रिपोर्ट में मोहन भागवत पर खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया था। मोहन भागवत को ASL (Advance Security Liaison) सिक्योरिटी मिलने के बाद अब उनकी सुरक्षा बेहद सख्त रहेगी। भागवत का सुरक्षा घेरा परिंदा भी नहीं तोड़ पाएगा।

मोहन भागवत को ASL सिक्योरिटी मिलने के बाद क्या होगा?

रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहन भागवत की सुरक्षा CISF जवानों के द्वारा की जाती है। मौजूदा समय में भागवत की सुरक्षा में 58 कमांडो क्लॉक वाइज तैनात रहते हैं। वहीं अब नई सिक्योरिटी के बाद CISF कमांडो भागवत के आसपास और ज्यादा एक्टिव हो जाएंगे साथ ही सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ जाएगी। अब CISF टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को जाना होगा।

बताया जाता है कि, जिस शख्स को ASL स्तर की सुरक्षा मिलती है उसकी सुरक्षा के संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी अनिवार्य हो जाती है। जानकारी के अनुसार, इसमें बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। इसके अलावा साथ ही चॉपर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती है। जिसके लिए अलग तरह का प्रोटोकॉल होता है।

कैसे तय होती है सिक्योरिटी की कैटेगरी?

भारत में विशेष सुरक्षा कैटेगरी में X,Y,Y+,Z और Z+ की सिक्योरिटी शामिल की गई है। खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरे को भांपने के बाद सिक्योरिटी की कैटेगरी तय की जाती है। यानि अगर खतरा बहुत बड़ा है तो फिर ऐसे में Z या Z+ की सिक्योरिटी दी जाती है। सुरक्षा की इन पांचों कैटेगरी में Z+ भारत में सर्वोच्च कैटेगरी की सिक्योरिटी है। इस सिक्योरिटी में किसी व्यक्ति को 10+ एनएसजी कमांडो + सीआईएसएफ़ और सीआरपीएफ़ व पुलिस कर्मियों सहित 50 से ज्यादा कर्मियों की सुरक्षा प्रदान की जाती है।

Z+ सुरक्षा में प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का विशेषज्ञ होता है और सुरक्षा परिष्कृत आधुनिक हथियारों और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस होता है। देश में X,Y,Y+,Z और Z+ की सिक्योरिटी पाने वालों में कई वीवीआईपी, वीआईपी, नेता, एक्टर, उद्धोगपति समेत तमाम दिग्गज हाई-प्रोफाइल हस्तियां शामिल हैं। एनएसजी और वीवीआईपी, वीआईपी, राजनेताओं, हाई-प्रोफाइल हस्तियों NSG और CISF का इस्तेमाल केवल वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है। इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं।


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