गोरखपुर में मेडिकल कालेज के 38 उपद्रवी डॉक्टरों पर डकैती का मुकदमा दर्ज
FIR For Robbery Against 38 People
FIR For Robbery Against 38 People: गोरखपुर जनपद स्थित BRD मेडिकल कॉलेज के सह-आचार्य समेत 38 लोगों के खिलाफ चिलुआताल पुलिस ने बलवा और डकैती का मुकदमा दर्ज किया है. परिसर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले दुकानदार ने तीन दिन पहले इन सभी लोगों पर दुकान में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट, लूटपाट और जाति सूचक गाली देने का आरोप लगाया था. उसी मामले में कार्रवाई हुई है. इस पूरे प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी कैंपियरगंज को सौंपी गई है.
BRD मेडिकल कॉलेज परिसर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले प्रशांत कुमार ने चिलुआताल पुलिस को बताया कि वह मेडिकल कॉलेज के उत्तरी गेट पर दुकान का संचालन करते हैं. बीते शुक्रवार को दिन में 11:30 बजे किसी ने रास्ता रोक कर अपनी स्कूटी खड़ी कर दी थी. मुझे नहीं पता था कि यह स्कूटी किसकी है. मैंने जब आवाज लगाई और स्कूटी हटाने को कहा, तब तक मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलॉजी विभाग के सह-आचार्य अनिल शर्मा पास में मौजूद थे और वह नाराज हो गए.
मेडिकल कॉलेज के सह-आचार्य ने की मारपीट
अनिल शर्मा ने कहा कि स्कूटी मेरी है, मैं इसे नहीं हटाऊंगा. तुम्हारे दुकान पर ग्राहक आएं या न आएं. मैंने जब इसको लेकर विरोध किया तो वह धमकी देते हुए चले गए कि अभी तुम्हें बताता हूं. करीब आधे घंटे बाद डॉक्टर अनिल शर्मा अपने साथ कृष्ण कुमार, अनूप मारकंडे समेत 38 मेडिकल छात्रों को लेकर पहुंचे और उपद्रव शुरू कर दिया. सभी लोगों ने मुझे जातिसूचक गाली दी. मेडिकल स्टोर में तोड़फोड़ की. कर्मचारियों की बुरी तरह से पिटाई की. दुकान में रखे दो फ्रिज, काउंटर, रैक तोड़ दिए.
कर्मचारियों ने किसी तरह इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाई. जाते समय आरोपियों ने काउंटर में रखे करीब ₹22000 नकद लेकर चले गए. मेरे भाई पीयूष का मोबाइल भी दुकान में था, उसको भी उठा ले गए. इस तरह की घटना से मैं काफी दहशत में था और पुलिस की शरण में आना पड़ा. दूसरी तरफ इस कार्रवाई से डॉक्टरों के अंदर गुस्सा है, लेकिन वह मुकदमा दर्ज होने के बाद सहमे हुए हैं. कारण, कुछ दिन पहले ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था और डॉक्टरों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.
मारपीट-तोड़फोड़ की घटना CCTV में कैद
इसके चलते उनका करियर दांव पर लगा हुआ है. उस घटना को याद कर डॉक्टर खुलकर विरोध करने से बच रहे हैं, क्योंकि मामला अधिक तूल पकड़ेगा तो उनके लिए परेशानी बढ़ जाएगी. दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी अल्टीमेटम दे दिया है कि किसी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बिगाड़ने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं जो भी मारपीट की घटना और तोड़फोड़ की घटना हुई थी, उसकी फुटेज सीसीटीवी में मौजूद है. मुकदमा दर्ज कराने से पहले दवा विक्रेता समिति ने फुटेज के साथ मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से मुलाकात की थी और पूरी घटना से अवगत कराया था.
सीओ कैंपियरगंज को सौंपी गई मामले की जांच
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी भी डॉक्टरों से नाराज हैं. कारण, बीते शुक्रवार को ही डॉक्टरों ने मेडिकल स्टोर में तोड़फोड़ की थी और विरोध करने पर संबंधित लिपिक को थप्पड़ भी मार दिया था. इसके चलते इन चिकित्सकों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी भी विरोध कर रहे थे. हालांकि प्रिंसिपल ने विभागीय जांच का आदेश देकर मामले को शांत कर दिया था, ताकि मेडिकल कॉलेज की बदनामी न हो. ऐसे में जब 38 चिकित्साकों पर मुकदमा दर्ज हो गया है तो अब वे अपने करियर को सोच कर बैकफुट पर हैं. इस संबंध में एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पूरी जांच सीओ कैंपियरगंज को सौंपी गई है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.