2027 तक पहाड़ों के बीच दौड़ेगी ट्रेन, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का 80% काम पूरा
- By Aradhya --
- Monday, 24 Feb, 2025
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Rishikesh-Karnprayag Rail Project: Train to Run Through the Mountains, Completion by 2027
2027 तक पहाड़ों के बीच दौड़ेगी ट्रेन, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का 80% काम पूरा
उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बिछाई जा रही रेल लाइन का 80% काम पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि यह मेगा रेल प्रोजेक्ट 2026 तक समाप्त हो जाएगा। 2027 तक यात्री इस ट्रेन में बैठकर हिमालय की खूबसूरत वादियों का आनंद ले सकेंगे।
पहाड़ों में ट्रेन, सफर होगा आसान
वर्तमान में, उत्तराखंड में ट्रेन सेवा केवल ऋषिकेश तक ही सीमित है, जिसके बाद पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करने के लिए यात्रियों को सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन इस नए रेल प्रोजेक्ट के पूरा होने से पहाड़ी यात्रा और भी सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी।
प्रोजेक्ट के तहत एक 9 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि कुंभ के दौरान हरिद्वार स्टेशन पर अधिक भीड़ होने पर यात्री इस स्टेशन का भी उपयोग कर सकें। पहाड़ों में रेल प्रोजेक्ट पर काम करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन तेजी से काम जारी है।
प्रोजेक्ट का विवरण
चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत यादव के अनुसार, यह रेल परियोजना कुल 125 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 104 किलोमीटर केवल टनल होगी। इस प्रोजेक्ट के तहत 19 बड़े पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 75% का काम पूरा हो चुका है। इस साल के अंत तक बाकी पुलों का निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा।
ट्रेन से सफर में समय की बचत होगी
वर्तमान में, सड़क मार्ग से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंचने में 7-8 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस नई ट्रेन सेवा के शुरू होने के बाद यात्रा का समय 5-6 घंटे कम हो जाएगा। इससे पहाड़ों में रहने वाले लोगों और श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी।
2019 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन पर काम 2019 में शुरू किया गया था। शुरुआती चरण में एडिट टनल की खुदाई की गई और 2020 के अंत में मेन टनल की खुदाई का कार्य प्रारंभ हुआ। अब, इस परियोजना के पूरा होने के बाद रेल ट्रैक को पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालु ट्रेन के माध्यम से सीधे कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
रुद्रप्रयाग स्टेशन से यात्रियों को केवल 2 घंटे की सड़क यात्रा के बाद केदारनाथ बेस कैंप पहुंचने का अवसर मिलेगा। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी बड़ी राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट उत्तराखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस परियोजना से यात्रियों को सुविधा मिलेगी, साथ ही उत्तराखंड के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पहाड़ों के बीच दौड़ती ट्रेन का सपना जल्द ही साकार होने वाला है, जो राज्य की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।