क्रांतिकारी जैन मुनि तरुण सागर जी के शिष्य क्षुल्लक श्री पर्वसागर जी ने विदेश में लहराया जैन धर्म का परचम, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया अभिनंदन
- By Vinod --
- Tuesday, 04 Jul, 2023
Revolutionary Jain monk Tarun Sagar's disciple Kshullak Shri Parvsagar ji hoisted the flag of Jainis
Revolutionary Jain monk Tarun Sagar's disciple Kshullak Shri Parvsagar ji hoisted the flag of Jainism abroad- पुष्पगिरि प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी से दीक्षित एवं क्रांतिकारी राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 तरुण सागर जी के एकलौते शिष्य क्षुल्लक श्री पर्वसागर जी के सानिध्य में इतिहास में विदेश की धरती पर किसी दिगम्बर संत का प्रथम प्रवास सम्पन्न हुआ। यूके की धरती पर विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा का शंखनाद हुआ। भगवान महावीर की वाणी का पूरा विश्व अनुकरण करे तब ही विश्व में शान्ति होगी। अपने गुरु तरुण सागर जी के इसी सपने को साकार करने श्री पर्व सागर जी के सानिध्य और मार्गदर्शन से यह यात्रा सम्पन्न हुई। लंदन की धरती पर 20 जून को श्री पर्व जी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। लंदन जैन समाज के सभी भक्तों ने मिलकर महाराज श्री की भव्य अगवानी की। विदेश की धरती पर इस तरह का माहौल देखकर वहां पर उपस्थित लोग भी हैरान थे कि यह कौन महापुरुष हैं जो नंगे पैर, हाथ में मोर पिच्छी और कमंडल ले कर विदेश में आए हैं और लोग इनका इतना भव्य स्वागत कर रहे हैं।
यह प्रवास यूके में लंदन, बर्मिंघम, लीसेस्टर, कोवेंट्री, मैनचेस्टर आदि शहरों में 10 दिनों तक रहा यूके जैन समाज के सभी भक्तों ने बढ़-चढक़र महाराज श्री के प्रवचनों, आहार एवं गुरु भक्ति का श्रद्धापूर्वक रसपान किया। यूके जैन समाज के सभी लोगों का उत्साह देखने वाला था यूके प्रवास के दौरान ही 21 जून को श्री पर्व सागर जी के पावन सानिध्य में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी खूब धूमधाम से मनाया गया। सभी ने महाराज श्री की ओजस्वी वाणी का रसपान करते हुए योग के महत्व को समझा। लंदन के हैरो में विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा के अंतर्गत लघुमुनि जैन संत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लंदन से संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मन, वचन, काय की एकाग्रता और पवित्रता ही वास्तविक योग है ध्यान ही योग है जो जिन शासन की देन है। ध्यान योग से ही महावीर परमात्मा बने महावीर सबके थे यही कारण है कि उनका दिया हुआ योग आज न सिर्फ हिंदुस्तान का बल्कि पूरे विश्व का योग हो गया।
भारत विश्व गुरु बनने की और अग्रसर
ऐतिहासिक रूप से यह यात्रा तरुण उत्सव 2023 की भी साक्षी बनी। 25 जून को धर्मगुरु श्री राजेश्वर गुरुजी महाराज के सानिध्य में इंटरनेशनल सिद्धाश्रम शक्ति केंद्र के प्रांगण में श्री पर्व सागर जी का उद्बोधन हुआ, वहां के समाज के लोग उनके प्रवचनों को सुनने के लिए आतुर थे। विश्व मंच पर जैन संत की वाणी अहिंसा व शांति का संदेश दे रही थी और सभी लोग उस वाणी से गंगा रूपी आत्म साधना में गोते लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने पूरे विश्व को जियो और जीने का संदेश दिया। भगवान महावीर के संदेशों की आज पूरे विश्व को जरूरत है जहां एक और विश्व विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत विश्व गुरु बनने की और अग्रसर है।
महाराजश्री के आहार के वीडियो सोशल मीडिया पर हुई वायरल
यूके प्रवास में महाराज जी को आहार देने वालों की होड़ भी खूब लगी महाराजश्री के आहार के वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। जैसी व्यवस्था भारत में संतों के आहार के लिए की जाती है वही शुद्धता व जैन परंपरा के अनुसार महाराज श्री का आहार विदेश की धरती पर भी संपन्न हुआ इतिहास में प्रथम बार किसी दिगंबर जैन संत ने इतनी लंबी विदेश यात्रा और वह भी 10 दिन का प्रवास एवं पूर्णतया आगम युक्त साधु चर्या का पालन करते हुए संपूर्ण की। यह जैन समाज के लिए बहुत ही गौरवशाली क्षण और जैन धर्म के इतिहास का एक बड़ा ही मंगल प्रसंग रहा। श्री पर्व सागर जी की यह धर्म प्रभावना यात्रा इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गई जब देश की धरती यूके में यूके की पार्लियामेंट में यूके के सांसद के द्वारा संसद में महाराज श्री को आमंत्रित किया गया।
सांसद ग्रेथ थॉमस ने महाराज श्री का किया भव्य स्वागत
यूके संसद में सांसद ग्रेथ थॉमस द्वारा महाराज श्री का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री पर्व सागर जी को यूके संसद में सम्मानित भी किया गया। यह गौरव का क्षण पूरे जैन समाज के लिए एक बहुत ही सौभाग्यशाली क्षण था विदेश की धरती पर और वह भी उस देश की संसद में किसी जैन संत का सम्मान हुआ और उनके सांसदों और चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित हो रहे हैं। इस अवसर पर श्री पर्व सागर जी ने कहा कि गुरु मंत्र देता है और उसके विस्तार की जिम्मेदारी शिष्य की होती है यह ऐतिहासिक धर्म एवं राष्ट्र संस्कृति प्रभावना यात्रा गुरु मंत्र का ही विस्तार है। ब्रिटिश संसद भवन में क्रांतिकारी राष्ट्रसंत जैन मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज की प्रतिमा का लोकार्पण भी हुआ और अंग्रेजी कड़वे प्रवचन पुस्तक का दर्शन अवलोकन हुआ।
यूके सरकार के मंत्री और सांसदों को दी पुस्तक
गुरु के अशीर्वाद स्वरूप पूज्य पारस सागर जी महाराज ने यूके सरकार के मंत्री और अनेक सांसदों को कड़वे प्रवचन की पुस्तक प्रदान की। ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार के मंत्री व सांसद सांसद ग्रेट थॉमस ने पूज्य पर सागर जी महाराज को उनकी विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभाव न यात्रा को यूके की उपलब्धि बताई और तरुण सागर जी महाराज की छप्पनवीं जन्म जयंती पर शुभकामना देते हुए कहा कि जैन समाज और यूके के इतिहास में प्रथम जैन संत की पहली यात्रा यूके के लिए ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए सरकार की ओर से उन्हें सम्मान स्वरूप उनके चरणों में एक अवार्ड भी समर्पित किया। इस अवसर पर हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार में समर्पित सिद्धाश्रम प्रमुख संत राजेश्वर जी मौजूद रहे।
तरुण क्रांति मंच गुरु भक्त परिवार का गठन
इस यात्रा के दौरान यूके में तरुण क्रांति मंच गुरु भक्त परिवार का भी गठन हुआ। यूके जैन समुदाय के लोगों ने बढ़ चढक़र गुरु भक्त परिवार में शामिल होने का मन बनाया और श्री पर्व सागर जी से गुरु दीक्षा ले आगे भी जैन धर्म के लिए कार्य करने के लिए संकल्पित हुए। भावभीनी भक्ति के साथ सभी ने पर्व सागर जी की यात्रा पूर्ण होने पर उनको उनके मंगल विहार के अवसर पर अपने-अपने भाव प्रकट किये ।
इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हुआ प्रवास
अमित जैन ने बताया कि यह प्रवास जो कि इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। हमारी भावना यह है कि जल्द ही महाराज जी का चौमासा भी यूके समाज को प्राप्त हो ताकि यहां पर भी जैन धर्म की पताका फहराई जा सके। जैन धर्म का संदेश पूरे विश्व में पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने गुरुओं की आवश्यकता है ताकि हम विदेश में रहकर भी अपने धर्म और संस्कृति को ना भूल पाए।
एयरपोर्ट पर अनुराग ठाकुर ने किया अभिनंदन
यात्रा समापन पश्चात भारत लौटने पर एयरपोर्ट पर गुरभक्त परिवार भारत के सभी सदस्यों ने श्री पर्व सागर जी का भव्य स्वागत किया चारों तरफ जैन ध्वज लहरा रहे थे और तरुण सागर जी की जयकारों से पूरा एयरपोर्ट गुंजायमान हो रहा था। तत्पश्चात भारत के युवा एवं ओजस्वी नेता सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर जी ने श्री पर्व सागर जी का भारत पहुंचने पर और उनकी विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा यूके के पूर्ण होने पर उनका स्वागत अभिनंदन किया। वह उनको नंगे पांव अपने साथ लेने आए और बड़े भाव से उनकी भक्ति करते हुए उनका अभिनंदन व स्वागत किया उन्होंने जैन संत को अशोक स्तंभ स्मृति रूप में भेंट किया एवं इसी अवसर पर पर्व सागर जी ने भी केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जी को तरुण सागर जी महाराज के द्वारा लिखित कड़वे प्रवचन पुस्तिका प्रदान की और उनसे कुछ देर धर्म चर्चा भी की। यह भी पल इतिहास की दृष्टि में स्वर्ण अक्षर में अंकित हुआ कि कोई भारत के मंत्री जैन संत को नंगे पांव अपने साथ चलकर लेने व छोडऩे आये। उन्होंने कहा कि जैन संत श्री पर्व सागर जी की प्रथम विदेश यात्रा की समापन पर मैं अपनी और भारत सरकार की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। उन्होंने कहा कि जैन इतिहास में पहली बार कोई जैन संत विदेश की धरती पर भारतीय संस्कृति और जिन शासन के प्रचार प्रसार के लिए गए यह हमारे लिए गर्व बात है उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज देश को विश्व गुरु बनाने के कार्य में लगे वहीं श्री पर्व सागर जी भी भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं मैं उनका अभिनंदन करता हूं और उनके आशीर्वाद का अभिलाषी हूं। विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा के दौरान यूके पार्लिमेंट में प्राप्त हुआ सम्मान श्री पर्व सागर जी अपने गुरु तरुण सागर जी की समाधि तरूणसागरम् में पहुंच कर गुरू चरणों मे समर्पित किया।