दिल्ली सीएम के शपथग्रहण के साथ ही शुरू हो जाएंगी जिम्मेदारियां, अपने चार वादों को पूरा करने के लिए भाजपा कितना है तैयार?

delhi cm: भारतीय जनता पार्टी बुधवार शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री का चयन करने और गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिल्कुल तैयार है लेकिन सवाल यह उठता है की शपथ ग्रहण के बाद क्या भाजपा सरकार दिल्ली से किए वादों को पूरा करने के लिए तैयार है? नई सरकार के सामने चुनौतियां बहुत बड़ी-बड़ी होगी जिसमें चुनावी वादों को पूरा करने के साथ ही वित्त का प्रबंधन और राष्ट्रीय राजधानी के बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है। देखना यह दिलचस्प होगा की 27 सालों के बाद दिल्ली पर हक जमाने के लिए तैयार भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की जनता के लिए क्या-क्या कर सकती है।
BJP के वादें और समस्याएं
भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक यह था कि उनकी सरकार 8 मार्च तक पात्र महिला लाभार्थियों को ₹2500 वितरित करेगी। अब सभी को पता होगा कि 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है और भारतीय जनता पार्टी ने वादे के तौर पर कह दिया था, कि 8 मार्च को ₹2500 सभी महिला लाभार्थियों को उनके अकाउंट में वितरित किए जाएंगे। अगले कुछ हफ्तों में इसके लिए उचित व्यवस्था बनाना आने वाली सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी नए प्रशासन को भी कुछ ही दिनों में नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करना होगा इसमें महिलाओं के लिए योजना के लिए आवंटन के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए 21000 रुपए का भी वादा शामिल होगा। 8 मार्च तक सभी को पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री के द्वारा किए गए इस वादे में कितनी सच्चाई थी।
यमुना को स्वच्छ करने का लिया संकल्प
वहीं दूसरी तरफ सत्ता में आने के बाद हर नई सरकार ने एक बड़ा वादा किया है, वह है यमुना की सफाई। 2015 में आम आदमी पार्टी ने भी वादा किया था कि 2 साल के भीतर भीतर नदी इतनी साफ हो जाएगी कि उसमें डुबकी लगाई जा सके। हालांकि डुबकी लगाना तो दूर वह किसी गंदे नाली से काम नहीं नजर आता। नदी में प्रदूषण का उच्च स्तर चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा का बहुत बड़ा मुद्दा रहा और भाजपा ने वादा किया कि वह ऐसा करेगी कि जो ना तो कांग्रेस और ना ही आम आदमी पार्टी सत्ता अपने काल में कर पाई है। हालांकि चुनौती बहुत बड़ी है रिपोर्ट से पता चला है कि यमुना में अधिकांश प्रदूषण तब जुड़ते हैं जब नदी दिल्ली से होकर गुजरती है जिसमें अवैध उद्योगों से निकलने वाला अपशिष्ट और अनधिकृत कॉलोनी से निकलने वाला अनौपचारिक सीवेज मुख्य स्रोत है। अब इन स्रोतों से भाजपा सरकार कैसे लड़ती है यह भी देखना बाद ही दिलचस्प होगा।
वित्तीय समस्या है सबसे बड़ी
जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी खासकर अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी 2 सालों में वित्त विभाग ने राज्य की वित्तीय सेहत को लेकर कई आशंकाएं जताई थे। चुनाव से पहले आम आदमी सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोशिश से 10000 करोड रुपए का उच्च ब्याज वाला री मांगा था। वित्तीय विभाग ने पिछले कई सालों से सब्सिडी पर सरकारी खर्च को लेकर लाल झंडी दिखाई है। भाजपा ने वादा किया है कि आम आदमी सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी जिसमें महिलाओं के लिए मुफ्त बिजली पानी और बस यात्रा शामिल है, वह सभी जारी रहेगी, जिससे अपने खुद के भी कई वादे किए हैं। इन वित्तीय समस्याओं और सब्सिडी के मसलों से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी को कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
शहरी विकास भी है एक मुख्य चुनौती
पिछली आम आदमी सरकार ने नौकरशाह और उपराज्यपाल के कार्यालय पर प्रतिकूल रवैया का आरोप लगाया था, जिसके कारण शहर में कई बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं ठप हो गए थे। सड़क पुनर विकास और कचरा संग्रहण बुनियादी परियोजनाओं में भी समस्याएं खड़ी हुई थी, लेकिन आप बीजेपी सरकार ने डबल इंजन सरकार के वादे पर चुनाव प्रचार किया था। पार्टी दिल्ली नगर निगम में भी मजबूत स्थिति में है उसे जल्द ही ठोस नतीजे सामने लाने होंगे उसे शहरी विकास के लिए एक बड़ा आवंटन अलग रखना होगा जिसमें सड़क की मरम्मत और रखरखाव फ्लावर और लैंडफिल पर कूड़े के पहाड़ को हटाना भी शामिल है। अब देखना यह भी दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी ने पिछले 10 सालों में दिल्ली में जितनी समस्याएं खड़ी की है भाजपा सरकार उन समस्याओं का निदान कैसे ढूंढ कर लाती है और दिल्ली के लिए कितना लाभकारी होता है।