किसानों को सरकार ने दी बड़ी राहत, दाल खरीद पर हटाई सीलिंग लिमिट
Pulses Production Boost
नई दिल्ली। Pulses Production Boost: दालों के संकट को कम करने एवं घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तूर, उड़द एवं मसूर की खरीद की सीमा हटा दी है। अब इस वर्ष के लिए किसान तीनों दलहन की अपनी उपज का कितना भी हिस्सा बेच सकते हैं।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी दिया निर्देश (The central government also gave instructions to the state governments)
केंद्र के इस निर्णय से खरीफ एवं रबी मौसम में दलहन का बुवाई क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया है कि वे तूर एवं उड़द की भंडारण सीमा को सख्ती से लागू कर उनकी कीमतों की नियंत्रित करने का प्रयास करें। मूल्य समर्थित योजना के तहत सरकार की ओर से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उक्त तीनों दलहनों की कुल उपज का 40 प्रतिशत ही खरीदा जाता था।
कैसे मिलेगा किसानों को उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन? (How will farmers get incentive to increase production?
इसका अर्थ यह हुआ कि किसी किसान ने अगर एक क्विंटल दाल का उत्पादन किया है तो उससे 40 किलो दाल एमएसपी पर खरीदारी की जाती थी। अब बंधन हट जाने से किसान कितना भी दाल बेच सकते हैं। सरकार का मानना है कि दालों की लाभकारी कीमतों पर खरीद के आश्वासन से किसानों को उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा। वे खरीफ एवं रबी बुवाई के मौसम में तूर, उड़द और मसूर की बुवाई क्षेत्र को बढ़ा सकते हैं।
स्टाक की स्थिति को घोषित करना किया गया अनिवार्य (Mandatory to declare stock position)
उल्लेखनीय है कि जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने दो जून को आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 को लागू करके अरहर और उड़द पर स्टाक सीमा लगा दी थी। थोक एवं खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन के खुदरा विक्रेता, मिलरों और आयातकों के लिए स्टाक सीमा लागू की गई है। इनके लिए उपभोक्ता मंत्रालय के पोर्टल पर स्टाक की स्थिति को घोषित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
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