गणेश चतुर्थी पर भूल कर नहीं देखना चाहिए चांद, पढ़ें क्या है जीवन में इसके नुकसान

One should not look at the moon by mistake on Ganesh Chaturthi

One should not look at the moon by mistake on Ganesh Chaturthi

One should not look at the moon by mistake on Ganesh Chaturthi- भगवान गणेश जी का जन्मोत्सव भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन सभी अपने अपने घरों में भगवान गणेश जी की प्रतिमा का स्थापित कर हैं और उनका पूजन करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी तिथि पर दोपहर के समय हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी तिथि ७ सितंबर २०२४ को यानि आज है। 10 दिन चलने वाला गणेशोत्सव पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी तिथि पर गणेश विसर्जन के साथ यह पर्व समाप्त होगा। गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी, गणेश चौथ, डंडा चौथ और शिव चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने पर व्यक्ति कलंक का भागी बनता है। इसके पीछे पौराणिक कथा है जिसके कारण चांद के दर्शन करने पर कलंक लगता है। धर्मग्रंथों के अनुसार भाद्रपद गणेश चतुर्थी तिथि को चंद्रमा दर्शन नहीं करने चाहिए, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है। श्रीमदभागवत के अनुसार चतुर्थी तिथि पर चांद देखने से ही भगवान श्रीकृष्ण पर मिथ्या कंलक लगा था जिससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने विधिवत गणेश चतुर्थी का व्रत करके इससे मुक्ति पायी थी।

जानें क्यों नहीं देखते हैं चंद्रमा?

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो वे गजानन कहलाए और माता-पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा करने के कारण अग्रपूज्य हुए। सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहें उन्हें अपने सौंदर्य पर अभिमान था। गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अभिमान वश उनका उपहास कर रहे हैं। क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को काले होने का श्राप दे दिया। इसके बाद चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ। तब चंद्रदेव ने भगवान गणेश से क्षमा मांगी तो गणेश जी ने कहा कि सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे। लेकिन चतुर्थी का यह दिन तुम्हें दण्ड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। जो कोई व्यक्ति भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा,उस पर झूठा आरोप लगेगा।

दर्शन होने पर क्या करें

अगर भूलवश या किसी अन्य कारणों से गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन हो जाये तो कलंक चतुर्थी की कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढऩे या सुनने पर गणेशजी क्षमा कर देते हैं। कलंक के दोष से बचने के लिए हर दूज का चाँद देखना भी जरूरी है। चतुर्थी पर चंद्र दर्शन हो जाए तो इस मंत्र को जपने से भी कलंक नहीं लगता है।

सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेष: स्यमन्तक:।।