एस्ट्रोनॉट क्या होता है और कैसे हम चांद पर जा सकते है ? ये सारी जानकारी जानने के लिए पढ़े ये ख़ास ख़बर
- By Sheena --
- Tuesday, 22 Aug, 2023
Read Whole Details Of Career as Astronaut and Get Job in NASA
Career as Astronaut: एक अच्छा करियर हो, शायद ये सपना हर एक व्यक्ति देखता है और बहुत प्रयास भी करता है। लेकिन अगर पूरी जानकारी न हो तो सफलता मिलन मुश्किल हो जाता है। अब एस्ट्रोनॉट के क्षेत्र को ही ले लीजिए। नासा की तरफ से उन लोगों का विशेष प्रशिक्षण होता है जिनका चुनाव ऐस्ट्रोनॉट के लिए किया जाता है.तो चलिए आपको बताते हैं इस करियर के बारे में विस्तार से....
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एस्ट्रोनॉट बनने के लिए क्या पढ़ाई करनी होती है?
इस फील्ड में जाने के लिए कैंडिडेट का मैथ्स विषयों के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। इसके बाद ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स किए जा सकते हैं। ये कोर्स बहुत से सब्जेक्ट्स जैसे एयरोनॉटिक्स, एस्ट्रोफिजिक्स, एविएशन, एयरोस्पेस, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग आदि में किए जा सकते हैं। साइंस और इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किए कैंडिडेट्स इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस फील्ड में एक्सेल करने के लिए जरूरी है कि कैंडिडटे को साइंस यानी फिजिक्ल, केमिस्ट्री, जियोलॉजी की अच्छी जानकारी हो, साथ ही इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मैथ्स की भी बढ़िया नॉलेज होनी चाहिए।
कैसे होता है सेलेक्शन?
इन कोर्स में प्रवेश पाने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। जैसे आप जेईई मेन्स, जेईई एडवांस्ड, गेट, आईआईटी जैम जैसी परीक्षाएं दे सकते हैं। ये संस्थान पर निर्भर करता है कि आपका सेलेक्शन किस प्रकार होगा। आप चाहें तो पीजी के बाद पीएचडी भी कर सकते हैं। आप एग्जाम पास करने के बाद कई जगह से कोर्स कर सकते हैं जिनमें मुख्य है आईआईटी कानपुर, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईआईएसटी थिरुवनंतपुरम और अन्ना यूनिवर्सिटी आदि।
एस्ट्रोनॉट की क्लास?
अब तक नासा की तरफ से एस्ट्रोनॉट्स के लिए 22 कक्षाओं का चयन किया जा चुका है। प्रशिक्षण से संबंधित कई तरह के बदलाव किए गए हैं।
किस वाहन का उपयोग करते हैं एस्ट्रोनॉट?
एस्ट्रोनॉट्स की नई कक्षा में बहुत से वाहन होते हैं। इन वाहनों का पूरा प्रशिक्षण कराया जाता है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने के लिए सोयूज स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
नए प्रशिक्षित एस्ट्रोनॉट सबसे पहले कहां जाते हैं?
शुरुआत में इन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक भेज जाता हैं या फिर और ऊंचाई तक। नासा की तरफ से ये उम्मीद की जा रही है कि वह वर्ष 2030 तक एस्ट्रोनॉट्स को मंगल तक ले जाएगा।
कैसे होता है एस्ट्रोनॉट्स का बुनियादी प्रशिक्षण?
उड़ान के लिए एस्ट्रोनॉट्स को सर्टिफाइ करने से पहले उम्मीदवारों को कई तरह के कठिन टास्क से गुजरना पड़ता है, जैसे स्पेसवॉक करना, रोबोटिक्स करना, हवाई जहाज उड़ाना और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में काम करना। आपको बतादें कि उम्मीदवारों को जॉनसन स्पेस सेंटर में स्थित 60 फीट गहरे स्विमिंग पूल में स्पेसवॉक करना सिखाया जाता है।
कैसे पास करते हैं चयन प्रक्रिया?
सबसे पहले HR द्वारा प्रत्येक आवेदक की बुनियादी योग्यताओं की जांच की जाती है। समीक्षा करने वाले पैनल को एस्ट्रोनॉट रेटिंग पैनल कहते हैं, जिसमें 50 लोग शामिल होते हैं। हजारों उम्मीदवारों में से कुछ सौ उम्मीदवारों का चुनाव किया जाता है, इसके बाद इन्हें मेडिकल स्क्रीनिंग और इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। इसमें टॉप 50 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है जिन्हें दूसरे राउंड के इंटरव्यू के साथ साथ फिर से मेडिकल स्क्रीनिंग देनी होती है। अब 50 लोगों के ग्रुप से फाइनल एस्ट्रोनॉट उम्मीदवारों का चुनाव होता है।
NASA क्या है ?
यदि आप NASA में एस्ट्रोनॉट बनते हैं तो आपको अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाता है। जहां से आपको पूरी दुनिया एक अलग ही रूप में नजर आती है। इसके अलावा NASA की ओर से लोगों को स्पेस मिशन पर भी भेजा जाता है।
कैसे करें NASA के लिए अप्लाई
1. NASA की आधिकारिक साइट nasa.gov पर जाएं.
2. इसके बाद करियर सेक्शन में जाएं.
3. अब आपके सामने नौकरियों की लिस्ट आ जाएगी.
4. अब आप वहां अपनी योग्यता अनुसार वैकेंसी देख आवेदन कर सकते हैं.
कितनी होती है सैलरी?
आप कोर्स पूरा करने के बाद ISRO, NASA और Space X जैसी जगहों पर काम कर सकते हैं। यहां चयन के लिए फिर से कई राउंड की परीक्षाएं देनी होती हैं। इसके अलावा आपका फिजिकली और मेंटली पूरी तरह फिट होना भी बहुत जरूरी है। सैलरी पद, संस्थान और अनुभव के मुताबिक होती है। मोटे तौर पर कैंडिडेट शरुआत में साल के 10 से 12 लाख रुपये और बाद में 50 से 60 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकता है।