EMI पेमेंट नहीं कर पाने पर बैंकों के पेनल्टी चार्ज वसूलने पर आरबीआई लगाएगी लगाम, सीमित किया जाएगा चार्ज
RBI Monetary Policy
नई दिल्ली। RBI Monetary Policy: अक्सर ऐसा देखा गया है कि जरा-सी चूक करने पर बैंक मनमानी तरीके से पेनल्टी चार्ज लगाते हैं। इस तरह पेनल्टी ग्राहकों को काफी परेशान कर देते हैं। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। नई मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि रेगुलेटेड संस्थाओं को लोन पर पेनल्टी लगाने के लिए एक पॉलिसी लाने की जरूरत हैं। इससे पेनल्टी के नियमों में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।
जल्द आ सकता ड्राफ्ट गाइडलाइन / Draft guideline may come soon
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि कंज्यूमर की सुरक्षा और पारदर्शिता लाने के लिए चार्जेस के नियम लाए जाएंगे। इसके लिए पहले स्टेकहोल्डर्स से उनकी टिप्पणियां ली जाएंगी, जिसके बाद ड्राफ्ट गाइडलाइंस लाई जाएंगी।
इन चीजों पर लगते हैं पेनल्टी / Penalty is imposed on these things
जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में बैंक कई तरह के चार्ज वसूलते हैं। इनमें लेट पेमेंट, चेक बाउंस, मिनिमम बैलेंस, EMI बाउंस जैसे कई तरह के मामले हैं। यह बैंकों के हिसाब से अलग-अलग लिए जाते हैं और RBI इन्हीं पेनल्टी चार्ज को कम करना चाहती है।
बढ़ा दिए गए हैं Repo Rate / Repo rate has been increased
पेश किए गए नई मौद्रिक नीति में आरबीआई ने रेपो रेट की नई दरों की घोषणा की है। रेपो रेट में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी।
केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में हर बार 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
एमएसएमई को बड़ी राहत देते हुए ट्रेड रिसिवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) के दायरे को बढ़ाने की घोषणा की।
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