बजट के बाद RBI की बैठक और यह बड़ा फैसला, गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया ऐलान, आपके लोन पर यह बड़ी खबर
RBI Repo Rate Unchanged Again
वित्तीय वर्ष- 2022 का बजट (Budget - 2022) पेश होने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) का एक बड़ा फैसला आया है| मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने वीरवार को जो ऐलान किया है| दरअसल, वह आपके लिए राहत भरा है| गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि एक बार फिर से रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है| गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, रेपो रेट बिना किसी बदलाव (RBI Repo Rate Unchanged Again) के साथ 4% रहेगा।
कम होने की उम्मीद लगाए थे क्या ?
हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक का यह फैसला उन लोगों के लिए एक झटका हो सकता है जो यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि रेपो रेट में बदलाव करके इसे कम किया जाएगा और उन्हें कुछ राहत मिलेगी| पर भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसा कुछ नहीं किया| खैर रेपो रेट को कम न करके अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से अगर राहत भी नहीं दी गई तो बोझ भी नहीं बढ़ाया गया है| बतादें कि, रेपो रेट में कोई बदलाव न होने से आपके द्वारा लिए गए लोन पर कोई असर नहीं पड़ेगा| यानि अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी हो जाती तो इसका सीधा असर आपके लोन पर पड़ जाता|
रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं...
इसके साथ ही गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि एमएसएफ रेट और बैंक रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा| आपको बता दें कि, इसी तरह पिछली कई बैठकों से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है| इसके पहले जब रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव हुआ था तो इसमें कटौती की गई थी| वहीं, शक्तिकांत दास ने बताया कि 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है| 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान है|
भारत बेहतर हो रहा है..
इधर, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब पहले की तुलना में भारत बहुत बेहतर स्थिति में है। भारत दुनिया के बाकी हिस्सों से उबरने के एक अलग रास्ते पर चल रहा है। विकास की गति मजबूत होती दिख रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी जोर पकड़ रही है|
रेपो रेट क्या है (What is Repo Rate)?
भारतीय रिजर्व बैंक भारत की सभी बैंकों को कर्ज देता है| आरबीआई के द्वारा जिस दर पर कर्ज दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहते है| बैंक कर्ज लेने के बाद वह अपने ग्राहकों को कर्ज प्रदान करते है| रेपो रेट का कम या अधिक होने पर इसका प्रभाव सीधा बैंक से कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ता है| यदि रेपो रेट कम होती है ग्राहकों को मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है| यदि रेपो रेट अधिक हो जाता है, तो बैंको से मिलने वाला कर्ज मंहगा हो जाता है|
रिवर्स रेपो रेट क्या है (What is Reverse Repo Rate)?
बैंकों में नगदी अधिक होने पर वह भारतीय रिजर्व बैंक के पास जमा की जाती है| आरबीआई इसके लिए बैंकों को ब्याज देता है| वह जिस दर पर बैंक को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है| जब आरबीआई द्वारा रिवर्स रेपो रेट बढ़ाया जाता है तो बैंकों को उनकी नकदी पर ज्यादा ब्याज मिलता है| और जब घटाया जाता है तो कम|