RBI का बड़ा झटका: लोन लेने वालों का अब क्या होगा? महंगाई के बीच गवर्नर ने की Repo Rate बढ़ाये जाने की घोषणा, इतना ज्यादा बढ़ गया
RBI Repo Rate Hike Latest News
RBI Repo Rate Hike Latest News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से शुक्रवार को एक बड़े फैसले की जानकारी दी गई है| यह फैसला ऐसा है जिसने लोन लेने वालों को बड़ा झटका दे दिया है| एक तरफ बढ़ती महंगाई के बीच दूसरी तरफ अब आपका लोन महंगा हो जाएगा| आपकी लोन EMI बढ़ जाएगी|
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने जानकारी दी है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की अहम बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को बढ़ाने (Hike) का फैसला लिया गया है| रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की जा रही है| जिसके बाद अब रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.4% हो जाएगा|
हालांकि, रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है| रिवर्स रेपो रेट को उसके पुराने स्तर 3.35 % पर बरकरार रखा गया है| जबकि, स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) 4.65 फीसदी से बढ़ाकर 5.15 फीसदी कर दिया गया है| इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट यानी MSF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया गया है|
वहीं, 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास यानि देश की आर्थिक विकास दर 7.2% अनुमानित है और 2023-24 के पहले तिमाही में वास्तविक जीडीपी विकास 6.7% अनुमानित है| इसके अलावा 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% रहने का अनुमान है। 2023-24 के पहले तिमाही के लिए CPI मुद्रास्फीति 5% अनुमानित है| मुद्रास्फीति का संबंध महंगाई से है| RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं।
लगातार तीसरी बार बढ़ाया गया रेपो रेट ...
ध्यान रहे कि, रेपो रेट की दर बढ़नी मई 2022 से शुरू हुई| इस महीने में जब मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक हुई तो रेपो रेट 4% से बढ़कर 4.40% कर दिया गया| इसके बाद अगले महीने जून 2022 में फिर हुई बैठक के दौरान इसे 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के साथ 4.90% कर दिया गया और अब तीसरी बार फिर से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी कर दी गई|
लोन लेने वालों का अब क्या होगा?
रेपो रेट बढ़ने से लोन लेने वालों पर ख़ासा असर पड़ता है| रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाला लोन (कार लोन, होम लोन सहित अन्य लोन) महंगा हो जाएगा| ज्यादा ब्याज दर से आपको लोन चुकाना होगा| भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब महंगाई भी चरम पर है|
क्या होता है रेपो रेट...
दरअसल, आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है और रेपो रेट के हिसाब से ब्याज लेता है| और जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं| इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है|
रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?
जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है| बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें|