बैंक से लोन है तो RBI ने दिया झटका; गवर्नर ने Repo Rate को लेकर की यह घोषणा, MPC बैठक में लोगों की बात नहीं बनी
RBI Governor Shaktikanta Das Announces Repo Rate Unchanged Again
RBI Repo Rate: बैंक से लोन ले रहे हैं या लिए लोन की EMI भर रहे हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा झटका दे दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में लगातार सातवीं बार रेपो रेट को न बदलने का फैसला लिया गया है। बैंक से लोन लिए बैठे लोगों को उम्मीद थी कि, इस बार आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा। जिससे उनके लोन की ब्याज दर कम होगी और उनकी महीने में जाने वाली लोन की EMI सस्ती हो जाएगी। फिलहाल, आरबीआई ने एक राहत जरूर दी है कि, रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं की है। अगर आरबीआई ने रेपों रेट में बढ़ोतरी कर दी होती तो आपकी लोन EMI पर महंगाई का बोझ बढ़ जाता। यानि आपको महीने में फिर ज्यादा ईएमआई भरनी होती। जिससे आप बच गए।
3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चली MPC बैठक
बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चली। जिसमें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में अन्य सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया। शुक्रवार सुबह गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीन दिवसीय पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में लगातार साठवीं बार रेपो रेट को न बदलने का फैसला लिया गया है।
बैठक में रेपो रेट को न घटाया गया और न ही बढ़ाया गया। इसलिए रेपो रेट 6.50% के अपने पुराने स्तर पर बरकरार रहेगा। रेपो रेट के साथ-साथ रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो रेट को भी उसके पुराने स्तर 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वहीं रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के अलावा एसडीएफ और एमएसएफ में कोई भी बदलवा नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
बता दें कि, इससे पहले फरवरी में वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट में लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं किया गया था। आरबीआई ने इसे 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया था। फिलहाल, दास ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं 2024-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत या इससे ज्यादा पर बने रहने की उम्मीद है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, भारत अपने राजकोषीय सुदृढ़ीकरण और तेज जीडीपी वृद्धि के कारण एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है। वहीं दास ने कहा कि, आगे महंगाई में कमी आ सकती है। वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रह सकती है। वहीं, दूसरी तिमाही में इसके 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
मई 2022 से 6 बार बढ़ चुका है Repo Rate
आपको बता दें कि मई 2022 से 6 बार Repo Rate बढ़ चुका है। आखिरी बार फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट में .25 अंक की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की थी। मई 2022 से फरवरी 2023 तक 6 बार रेपो रेट बढ़ने में कुल 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि, आपको यह भी मालूम रहे कि, मई 2022 से पहले कोरोना महामारी के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती भी की थी। साथ ही कई बैठकों में लगातार रेपो रेट को उसी पैमाने पर स्थिर रखा था।
क्या होता है रेपो रेट?
दरअसल, आरबीआई जब बैंकों को कर्ज देता है तो रेपो रेट (RBI Repo Rate) के हिसाब से उस कर्ज पर ब्याज लेता है। वहीं जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है।
रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?
जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट (RBI Reverse Repo Rate) के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।