Raw workers will not lose their jobs in Haryana

मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ फैसला- हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी

Raw workers will not lose their jobs in Haryana

Raw workers will not lose their jobs in Haryana

Raw workers will not lose their jobs in Haryana- चंडीगढ़। हरियाणा सरकार एक विशेष एक्ट के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम कर रहे एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को 58 साल तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करेगी। अर्थात् यह कर्मचारी परोक्ष रूप से सरकारी कर्मचारी की तरह ही सेवानिवृत्ति की आयु तक काम करते रहेंगे।

गुरुवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने एक विशेष एक्ट के माध्यम से सभी कच्चे कर्मचारियों को नौकरी सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है।

अतिथि अध्यापकों की तर्ज पर विभिन्न विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थानों में लगे कर्मचारियों की सेवाएं 58 वर्ष तक के लिए सुनिश्चित की जाएंगी। इसके लिए प्रदेश सरकार एक्ट लाएगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सभी कच्चे कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु तक पक्के कर्मचारियों के समान बेसिक वेतन दिया जाएगा। इन कर्मचारियों को सालाना वेतन वृद्धि का लाभ भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जो पालिसी ला रही है, उसमें 50 हजार रुपये से अधिक वेतन लेने वाले कर्मचारी शामिल नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में लगे कच्चे कर्मचारियों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।

उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों को सेवाएं देते हुए पांच साल हो गए हैं, उन्हें पॉलिसी का लाभ मिलेगा। ऐसे कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इसी तरह आठ साल से कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम पे-स्केल से 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इससे अधिक वर्षों की नौकरी पर न्यूनतम पे-स्केल से 15 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाएगा।

पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में लगे 14 हजार अतिथि अध्यापकों के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार पहले ही सेवा नियम बनाकर 58 साल तक के लिए नौकरी सुरक्षित कर चुकी है। फरवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में एक्ट पारित कराया था, जिसके तहत अतिथि अध्यापक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

कब एक्ट लाएगी सरकार यह साफ नहीं:लांबा

आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री की घोषणा को सकारात्मक कदम बताया है,साथ ही कहा कि सीएम की घोषणा के अनुसार सरकार आउटसोर्स एवं एचकेआरएन कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक सेवा सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक्ट लाएगी। यह एक्ट सरकार कब लाएगी, इस पर स्थिति साफ नहीं की गई है। एक्ट विधानसभा में लाया जाता है, लेकिन सरकार मानसून सत्र पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कैबिनेट ने भी 2014 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अगस्त-सितंबर में कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन देने व रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 60 साल करने की घोषणा की थी। यह घोषणाएं आज तक लागू नहीं हो पाई हैं। उस दौरान कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नियमितीकरण की तीन पॉलिसी भी बनाई गई, जिसके तहत 4654 कर्मचारी नियमित हुए थे। सरकार द्वारा मजबूत पैरवी न करने के कारण बाद में हाई कोर्ट ने तीनों पॉलिसी को रद्द कर दिया।