'हालत नाजुक है, कोमा में चला गया है'; फिर अचानक ICU से दौड़ता हुआ बाहर आया युवक, बोला- अंदर बांध रखा था, अस्पताल का कारनामा

Ratlam Hospital Viral Video Young Patient Ran From ICU Madhya Pradesh
Ratlam Hospital Viral Video: हम इस आस और उम्मीद में अस्पताल जाते हैं ताकि हमारा इलाज हो जाए, हमारी जान बच पाए। लेकिन जब पैसों के लालच में अस्पताल हमें नोचने-खाने लग जायें तो फिर हम कहां जाएंगे। आज देश के अंदर कई अस्पताल मरीजों और उनके परिवारों के साथ कुछ ऐसा ही हाल कर रहे हैं। अब मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam Hospital) से सामने आए एक ऐसे ही मामले ने हैरान कर दिया है।
यहां एक अस्पताल ने ऐसा कारनामा किया कि, ज्यादा पैसे बनाने को लेकर मरीज (युवक) को झूठ ही कोमा में पहुंचा दिया और हालत नाजुक कहकर ICU में भर्ती कर इलाज का ड्रामा करते रहे। अस्पताल ने मरीज के परिवार को बताया कि, मरीज की रीढ़ की हड्डी भी टूट गई है। वहीं उसे कोमा से बाहर लाने के लिए इलाज किया जा रहा है। आगे के इलाज के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत होगी। परिवार से पैसे जमा करवाने की बात कही गई। जिसके बाद परिवार भी इधर-इधर से पैसों का इंतजाम करने में जुट गया।
फिर अचानक ICU से दौड़ता हुआ बाहर आया युवक
लेकिन परिवार उस वक्त हैरान रह गया। जब अचानक मरीज (युवक) ICU से दौड़ता हुआ बाहर आता दिखा। ICU से बाहर आने के बाद युवक का वीडियो सामने आया है। बाहर आकर वह अपने परिवार और लोगों के बीच चिल्ला-चिल्लाकर अस्पताल का करनाम बता रहा है। युवक अर्धनग्न अवस्था में हैं। उसके हाथ में यूरिन बैग है और नाक में नली लगी हुई है। युवक ने आरोप लगाया है कि अस्पताल वालों ने आईसीयू में उसे बांध रखा था। उसे बाहर नहीं आने दे रहे थे। जबकि वह बहुत पहले ही बेहोशी की हालत से बाहर आ चुका था।
मारपीट में घायल हुआ था युवक
रिपोर्ट्स के अनुसार, युवक का किसी से विवाद हुआ था। जिसके बाद इस विवाद में लाठी-डंडे और पत्थर चले थे। जहां इस मारपीट में युवक घायल हुआ और उसे बेहोशी की हालत में पहले मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसको इंदौर रेफर कर दिया। लेकिन देरी हो जाने के कारण परिवार ने युवक को रतलाम के इस प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया। जिसके बाद इलाज के दौरान अस्पताल प्रशासन ने उसे आईसीयू में एड्मिट करने की बात कही।
परिवार ने बताया कि, अस्पताल के द्वारा जानकारी दी गई कि मरीज की हालत काफी गंभीर है। अस्पताल ने पहले ही रुपये जमा करवा लिए थे। अस्पताल ने कहा कि मरीज कोमा में जा चुका है। बचाने की कोशिश की जा रही है। रीढ़ की हड्डी टूट गई है और वह बोल भी नहीं पा रहा है। आगे के इलाज के लिए ज्यादा पैसों का इंतजाम करना पड़ेगा। परिवार ने बताया कि, अस्पताल ने आईसीयू में मरीज से मिलने नहीं दिया। फिलहाल, मरीज और परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर बंधक बनाने और अधिक पैसे वसूलने ठगने का आरोप लगाया है। परिवार ने हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल की जा रही है।
अस्पताल के खिलाफ एक्शन की बात
इस मामले को लेकर स्वास्थ विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि, सोशल मीडिया से इस बारे में जानकारी मिली। चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) ने जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। हमने मरीज शिकायतकर्ता उसके परिवार और अन्य के बयान लिए हैं। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज जमा कर लिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारी और प्रबंधन के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन इसमें दोषी पाया जाता है तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
वहीं इस पूरे मामले पर मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है, पता लगाया जा रहा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है और अस्पताल की क्या गलती है। कार्रवाई के लिए तो कानून में प्रावधान है लेकिन शर्त है कि एक बार ये तय हो जाए कि दोषी कौन है। रिपोर्ट आने तक हम सबको इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच के बाद अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो ये गंभीर मामला है। इसे किसी भी प्रकार से माफ नहीं किया जा सकता है।