राप्ताडु ग्रामीणों ने टमाटर व्यापारी सरकार की मनमर्जी के दुखद किसान टमाटर सड़कों में फेंका

राप्ताडु ग्रामीणों ने टमाटर व्यापारी सरकार की मनमर्जी के दुखद किसान टमाटर सड़कों में फेंका

Raptadu Villagers Threw Tomatoes

Raptadu Villagers Threw Tomatoes

(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

अमरावती  : Raptadu Villagers Threw Tomatoes:  (आंध्रप्रदेश)  राप्ताडू के किसान सोमवार को अनंतपुर ग्रामीण मंडल की कक्का लापल्ली मंडी में टमाटर की खरीद न होने के विरोध में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. मंडियों में व्यापारी टमाटर खरीदने के पानी के मोल में मांग रहे थे खरीदने कोई तैयार नहीं हो रहा थाऔर किस भी परेशान था क्योंकि लागत से आधा पैसा भी नहीं आ रही थीइसके चलते धरने और विरोध भी जाताया  सैकड़ों गाड़ियां पास के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर पहुंचकर रुक गईं.  दूसरी ओर लॉरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी लोडिंग के लिए बाहरी वाहनों की जगह स्थानीय वाहनों को किराये पर लेने का आंदोलन किया.  बाद में पुलिस की पहल पर आंदोलन रोका गया.  अनंतपुर जिले के कल्याणदुर्गम मंडल के गोला गांव के एक युवा किसान चिन्नी कृष्णा ने अनंतपुर के लिए 160 ट्रे टमाटर खरीदे।

 राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन भी  किया किसानों ने '

एक किसान ने समाचार पत्र को बताया कि वह इस टमाटरों को उपनगरीय इलाके कक्कलपल्ली मंडी में ले आया।  बोली लगाने वाले गुणवत्ता पूर्वाग्रह के साथ सामान खरीदने के लिए अनिच्छुक थे।  किसान को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।  काफी देर तक इंतजार करने के बाद आखिरकार उसने ट्रे को वापस वाहन में लादा और बाहर चला गया।  वह खाली हाथ घर पहुंचा।  50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसान ने बताया कि उसने 1.50 लाख रुपये तक का निवेश किया है और समाचार पत्र को सार्वजनिक रूप से बताया कि जब से राज्य में  एनडीए  सरकार गठबंधन बना के आई है तब से किसानों का बेहाल है ना तो किसानों को मिलने वाली राहत राशि समय पर नही दिया गया है और ना ही उनकी कोई मदद की जाती है   और इसी तरह सरकार द्वारा लागू की गई कई एनडीएकी संयुक्त मेनिफेस्टो मेंसेकई योजनाओं को देखकर हम धोखे में इनको वोट दिया है वरना हम वोट देने वाले नहीं थेऔर जितनी योजनाएं बढ़ चढ़कर बताएं वह सब अब रोकने के घोषणाएं कर रहे हैंयह धोखे की सरकार हैऔर सरकार को अहित पहुंचने वाली है मेनिफेस्टो के मामले में भी असफल सरकार बनी है तो इससे अच्छा है टमाटर को हम खेतों में फेंक दें उल्टा काम से कम जानवर तो खाएगा यह सोचकर हम लोगों ने सड़क किनारे टमाटरों को छोड़ दिया जब से यहां इनकी एनडीए सरकार आई है व्यापारियों के पक्ष में ही हर निर्णय होता है सार्वजनिक गरीब औरसमस्या गृहीत किसानों का ध्यान नहीं दे रहे हैं कहा ।