...लगा भगवान राम प्रकट हो गए; अयोध्या में रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक के बाद दिव्य तेज का अनोखा-अलौकिक नजारा, VIDEO
Ram Lalla Surya Tilak Live Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya
Ram Lalla Surya Tilak: रामनवमी यानि भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर पूरे देश में धूम मची हुई है। इस मौके पर खासकर श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बेहद ही भव्य और अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। करीब 500 सालों बाद पहली बार यहां रामलला अपने मंदिर में विराजमान हैं और इस अवसर पर मंदिर में रामनवमी का उत्सव भी पहली बार इतने धूमधाम से मन रहा है। आज रामनवमी के अवसर पर रामलला का सबसे पहले दिव्य अभिषेक किया गया और फिर उनके अद्भुत श्रृंगार के साथ उन्हें तैयार किया गया।
इसके बाद दोपहर 12 बजे वैज्ञानिकों की मदद से रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक हुआ। सूर्य तिलक की प्रक्रिया के लिए गर्भगृह के पर्दे थोड़ी देर के लिए बंद कर दिए गए। वहीं रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब तीन से चार मिनट तक रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक का दिव्य तेज सुशोभित रहा। पर्दे खुलते ही रामलला के गर्भगृह में सूर्य तिलक और घंटों की ध्वनि के बीच बेहद अनोखा-अलौकिक नजारा दिखा। जिससे राम भक्त गजब उल्लास से भर गए। कुछ देर के लिए ऐसा लगा कि मानो जैसे 'अयोध्या में भए प्रकट कृपाला'.. लगा भगवान राम प्रकट हो गए हैं। इस बीच पुजारियों की ओर से भगवान श्रीराम की आरती भी की गई।
रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक का वीडियो (सोर्स- दूरदर्शन)
रामलला के सूर्य तिलक पर पीएम मोदी का ट्वीट
पीएम मोदी ने भी रामलला के सूर्य तिलक का प्रसारण लाइव देखा। वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।
नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा। pic.twitter.com/QS3OZ2Bag6
इससे पहले भी पीएम मोदी का रामलला के लिए एक ट्वीट सामने आया था। पीएम मोदी ने लिखा था- यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है। गौरतलब है कि, इसी साल 22 जनवरी को पीएम मोदी ने ही रामलला की राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की थी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी ने यम-नियम भी किए थे।
रामनवमी पर राम लला के 19 घंटे दर्शन
रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। लोग रामलला के दर्शन को उत्साहित हैं। आज हर किसी को एक ही लाइन में रामलला के दर्शन होंगे। रामनवमी पर भीड़ को देखते हुए किसी के लिए वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं की गई है। हाल ही में राम जन्म भूमी ट्रस्ट ने जानकारी दी थी कि, रामनवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः काल साढ़े तीन बजे से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था शुरू की जाएगी। वहीं 16 अप्रैल से 18 अप्रैल तक के सभी प्रकार के विशिष्ट पास/दर्शन-आरती आदि की बुकिंग रद्द कर दी गईं हैं। सभी को एक ही रास्ते और लाइन से दर्शन करने होंगे।
वहीं दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है, जो मंगला आरती से प्रारंभ होकर रात्रि 11 बजे तक चलेगा। हालांकि चार बार लगने वाले भोग के लिए केवल पांच-पांच मिनट के लिए ही पर्दा बंद होगा। ट्रस्ट ने लोगों से अपील की है कि वे दर्शन के दौरान परेशानी और समय की बर्बादी से बचने के लिए अपना मोबाइल, मूल्यवान वस्तुएं इत्यादि साथ नहीं लाएं। वहीं राम जन्मोत्सव का प्रसारण अयोध्या नगरी में लगभग सौ बड़ी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया जाएगा।
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं बड़ी अद्भुत हैं। अयोध्या का यह राम मंदिर देश-दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य राम मंदिर है। दक्षिण के मंदिरों की शैली में यह मंदिर बनाया गया है। जानकारी के अनुसार, पूर्व से पश्चिम तक 380 फीट से ज्यादा मंदिर की लंबाई और 250 फीट चौड़ाई है। मंदिर का पूरा परिसर 70 एकड़ का है, लेकिन मंदिर निर्माण 25 से 30% जगह में हुआ है और बाकी बाकी ग्रीन परिसर है। वहीं राम मंदिर 3 मंजिल का है। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर के निचले तल यानि भूतल पर बीच में गर्भगृह है, जहां रामलला रहेंगे। इस तल पर सोने के 14 दरवाजे लगाए गए हैं। वहीं प्रथम तल पर राम दरबार होगा।
मंदिर में 392 खंभे और 40 से ज्यादा दरवाजे हैं। खंभों पर देवी-देवताओं की आकर्ति और सनातन चिन्ह हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार यानि सिंह द्वार पर 32 सीढ़ियाँ हैं. मंदिर में पूर्व की दिशा से प्रवेश की व्यवस्था है जबकि दर्शन के बाद दक्षिण दिशा से निकास है। बुजुर्ग-दिव्यंगों के लिए लिफ्ट और दो रैम्प की व्यवस्था है। वहीं दर्शन करने आने वालों के लिए 25000 लॉकर की व्यवस्था की गई है। वहीं मंदिर में इमेर्जेंसी के लिए एक रास्ता रखा गया है।
कैसे पहुंचे अयोध्या राम मंदिर?
आप देश के किसी भी कोने में रहते हैं और अयोध्या राम मंदिर जाकर 'रामलला' के दर्शन करना चाहते हैं तो आप फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग से बस या अपने निजी वाहन के जरिए पहुंच सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से जाने की प्लानिंग करते हैं तो आप ये देखना होगा कि अयोध्या एयरपोर्ट के लिए आपके क्षेत्र से सीधी फ्लाइट है या नहीं। अगर नहीं है तो आप लखनऊ एयरपोर्ट, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट देख सकते हैं। यहां से अयोध्या के लिए फ्लाइट भी मिल जाएगी और सड़क मार्ग से भी आप आसानी से पहुंच जाएँगे। बता दें कि, अयोध्या के सबसे पास आपको लखनऊ एयरपोर्ट पड़ेगा। दरअसल, अभी अयोध्या के लिए सीधी फ्लाइट कुछ ही शहरों के लिए शुरू हुई हैं। साथ ही सीट की अनुपलब्धता की समस्या है।
वहीं अगर आप ट्रेन से अयोध्या आने की सोच रहे हैं तो अयोध्या धाम जंक्शन के लिए आपको अपने क्षेत्र से कई ट्रेनें मिल जाएंगी। अयोध्या स्टेशन से राम मंदिर की दूरी करीब 6 किलोमीटर है। लेकिन अगर कोई ट्रेन न मिले तो फिर आप लखनऊ के लिए ट्रेन ले सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या 130 किलोमीटर, वाराणसी से 200, प्रयागराज से 160 किलोमीटर, गोरखपुर से 140 किलोमीटर और दिल्ली से 636 किलोमीटर है।
वहीं अगर आप सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंचना चाहते हैं तो ऐसे में आपको यूपी परिवहन निगम की कई बसें मिल जाएंगी जो अयोध्या आ रहीं होंगी। यूपी परिवहन निगम की बसों को अभी 24 घंटे संचालित किया जा रहा है। अयोध्या के लिए यूपी के विभिन्न शहरों से बस सेवा शुरू की गई है। अगर आप लखनऊ से अयोध्या जाना चाहते हैं तो अवध बस स्टैंड से आपको बस मिल जाएगी। इसके अलावा अपने निजी वाहनों से भी अयोध्या पहुंचा जा सकता है.