राजपूत समाज ने ली शपथ, चुनाव में भाजपा क़ो हराने वाले का देंगे साथ, राष्ट्रीय करनी सेना और भाजपा नेता सूरजपाल अम्मू ने दिया भाजपा से इस्तीफा
- By Vinod --
- Thursday, 09 May, 2024
Rajput community took oath to support whoever defeats BJP in elections
Rajput community took oath to support whoever defeats BJP in elections- बराड़ा (जयबीर राणा थंबड)I वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर बराडा में प्रदेश स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे हरियाणा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से भी हजारों लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर राजपूत संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्ण सिंह, कर्नल देवेंद्र सिंह वीर चक्र विजेता, महिपाल सिंह मकराना ने प्रमुख रूप से सम्बोधित किया। महिपाल मकराना ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार हमारे महापुरुषों के साथ हमारे समाज का अपमान किया है जो सहन नहीं होगा। मकराना ने उपस्थित जनसमूह क़ो शपथ दिलाई कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे।
पूर्ण सिंह ने कहा कि रण नहीं जिनके जीवन में वह तो बड़े अभागे होंगे, या तो रण को तोड़ा होगा या तो रण से भागे होंगे। महाराणा प्रताप ने सत्ता की नहीं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने किसी एक वर्ग नहीं अपितु पूरे देश की अस्मिता के योद्धा रहे, जिनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पूर्ण सिंह ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि आज सियासी ताकतें अपनी राजनीति चमकाने के लिए हिंदुओं के बिखराव और राजपूतों के स्वाभिमान पर ठेस पहुंचा रहे हैं जबकि महाराणा प्रताप ने हमेशा स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहां कि 16 हजार से ज्यादा राजपूत क्षत्राणियों ने अपना स्वाभिमान बचाने के लिए जौहर करके अपने प्राणों का बलिदान दिया में जरा भी हिचक नहीं दिखाई। हम उन्हीं वीरांगनाओं की संतान हैं और राजपूत समाज के स्वाभिमान पर आघात पहुचाने वाले किसी भी राजनीतिक दल को बख्शा नहीं जाएगा।
इस अवसर पर एडवोकेट प्रवेश राणा ने कहा कि जिस प्रकार पहले युद्ध में जाते समय परिवार कि महिलाएं रक्षा सूत्र बांधती थी, उसी प्रकार समाज की इस लड़ाई में मै अपने भाइयों क़ो रक्षा सूत्र बांधती हूं।
संघर्ष समिति ने लिया फैसला
कर्नल देवेंद्र सिँह ने कहा कि संघर्ष समिति ने घर घर जाकर विचार विमर्श के बाद फैसला लिया है कि राजपूत समाज द्वारा भाजपा क़ो हराने वाली पार्टी का साथ दिया जाएगा। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष रह चुके सूरजपाल अम्मू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं। सूरजपाल अम्मू ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भेजा है। इसमें अम्मू ने लिखा कि पार्टी में क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देते देख व्यथित और उद्वेलित हूं।
बता दें कि 1985 में हरियाणा में छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक केरियर शुरू करने वाले सूरजपाल अम्मू 1985 में ABVP में आए थे। इसके बाद वह बीजेपी में रहते हुए मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष और फिलहाल में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थे। लेकिन सूरजपाल अम्मू के अचानक इस्तीफा देने से खासकर गुरुग्राम में पार्टी को नुकसान होगा। अम्मू काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। उनकी पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा से काफी नजदीकियां रही है। पार्टी के ये दोनों नेता भी फिलहाल एक तरह से पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं।
उन्होंने कहा की मेरे लिए पहले मेरा समाज है, पार्टी बाद में। यदि मेरे समाज के खिलाफ कोई कुछ कहता है तो बर्दास्त नहीं होगा
राजपूत समाज का अपमान बर्दास्त नहीं होगा
विनोद राणा थमबड़ ने कहा कि महापुरुषों का अपमान बर्दास्त नहीं होगा। हम सभी महापुरुषों का सम्मान करते है और चाहते है कि हमारे महापुरुषों का सम्मान किया जाये। राजपूत समाज कर्मठ समाज है और अपने हक की लड़ाई के लिए हमेशा तयार है। आज यहाँ जुटी समाज की भीड़ ने साबित कर दिया की जो भी हमारे समाज का अपमान करेगा उसके खिलाफ समाज एकजुटता से खड़ा होगा।
राणा ने कहा के हम सभी महापुरुषों का हम दिल से सम्मान करते है जिस प्रकर महान दानवीर भामा शाह द्वारा महाराणा प्रताप के संघर्ष में सहयोग दिए जाने पर वैश्य समाज के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत की एकता, अखंडता और धर्म की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप द्वारा किए गए महायुद्ध में भामाशाह ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि भामाशाह के निवेदन को महाराणा प्रताप ने अति संकोच के साथ स्वीकार किया। यह राशी इतनी बड़ी थी की इससे 5000 हजार सैनिकों को 12 वर्षों तक वेतन दिया जा सकता था। इतनी बड़ी राशी का योगदान देकर भामाशाह इतिहास में अपना नाम अमर करवा गये। भामा शाह (1547-1600) एक प्रसिद्ध सेनापति, मंत्री और महाराणा प्रताप सिंह के करीबी सहयोगी थे। उनके द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता ने महाराणा प्रताप को अपनी सेना को बहाल करने और अपने खोए हुए क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने में सहयोग किया।
इस अवसर पर राजेंद्र सिंह नरूका, उमेद सिंह करीरी, मोहर सिंह, अनु मलिक,प्रमोद राणा, खेम सिंह, कुकू राणा उपलना, राकेश राणा, संजीव राणा, प्रवेश राणा, सुरेंद्र सिंह राणा, सुग्रीव से राणा, अनूप चौहान, शैलेंद्र राणा, विनोद राणा, शशि बाला पुंडीर, खेम सिंह, प्रवेश राणा समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे