उत्तराखंड सरकार से 16 महीने लंबी जंग जीतने वाले राजीव भरतरी आज संभालेंगे PCCF का चार्ज, जानें क्या है पूरा मामला
IFS Rajiv Bhartari
देहरादून: IFS Rajiv Bhartari: वरिष्ठ आइएफएस राजीव भरतरी ने आखिरकार हॉफ का चार्ज(Hoff's charge) ले लिया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को चार्ज लेने पहुंचे भरतरी को कार्यालय की चाबी न दिए जाने पर घंटों इंतजार करना पड़ा। सुबह 10 बजे से वन मुख्यालय में चल रही हलचल के बाद दोपहर करीब 1.30 बजे भरतरी ने चार्ज संभाला।
प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) के पद पर नियुक्ति को लेकर शासन के आदेश सुबह से इंतजार हो रहा था। ऑफिस स्टाफ ने राजीव भरतरी को दफ्तर की चाबी नहीं दी। जिसे लेकर राजीव और विनोद सिंघल के स्टाफ में काफी देर बहसबाजी हुई।
कोर्ट में लड़ाई जीतकर करीब 16 महीने बाद उन्हें दोबारा हॉफ पद पर चार्ज दिया गया है। पखरो रेंज में अवैध निर्माण और पेड़ कटान के प्रकरण में उन्हें हॉफ पद से हटा दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली और हाई कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति देने के आदेश जारी किए।
शासन से लेकर वन विभाग में हलचल (Movement from government to forest department)
वरिष्ठ आइएफएस राजीव भरतरी को वन विभाग के मुखिया (हेड आफ फारेस्ट फोर्स) का चार्ज सौंपने के हाई कोर्ट के निर्णय से शासन से लेकर वन विभाग में हलचल है। यद्यपि, सोमवार को निर्णय आने के बाद आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से कन्नी काटते नजर आए।
सोमवार को भरतरी मामले में हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर शासन और वन विभाग के अधिकारियों की नजरें टिकी थीं। कोर्ट का आदेश आने के बाद शासन स्तर पर इसे लेकर बैठकों के दौर चले। मंथन हुआ, लेकिन कोई कुछ भी कहने से बचता रहा।
इसके पीछे वजह यह भी मानी जा रही है कि सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल देहरादून में नहीं थे। मुख्यमंत्री दिल्ली प्रवास पर हैं, जबकि वन मंत्री मुंबई दौरे पर। दूसरी तरफ, शासन जैसी ही स्थिति वन विभाग में भी रही। अब कोर्ट के आदेश के अनुपालन के मद्देनजर सभी की नजरें टिक गई हैं।
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