Raja Vading appointed as the new President of Punjab Congress

पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने वडि़ंग, देखें क्या दिये आदेश

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Raja Vading appointed as the new President of Punjab Congress

चंडीगढ़। चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में प्रदेश कांग्रेस के नए प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने चार्ज संभाल लिया है। उनके साथ वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशु ने भी शपथ ली। नवजोत सिद्धू भी समर्थकों के साथ यहां पहुंचे हैं। इस मौके अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने कहा कि अगर किसी पार्टी या कारोबार में अनुशासन नहीं है, वह आगे नहीं बढ़ सकती। वडि़ंग ने कामयाबी के लिए लगन के साथ काम संभालना बेहद जरूरी है। प्रधान होने का यह मतलब नहीं कि मनमर्जी से काम करे। साथियों के साथ बातचीत और टीम वर्क बेहद जरूरी है। वडि़ंग ने कहा कि हम आखिरी दम पार्टी के लिए लड़ेंगे। इसमें लाखों लोगों का खून-पसीना लगा हुआ है। इस मौके नवजोत सिद्धू भी चंडीगढ़ पहुंचे लेकिन स्टेज पर नहीं आए। हालांकि पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी के अलावा प्रताप बाजवा समेत सभी सीनियर नेता इस मौके पर मौजूद रहे। इस मौके कांग्रेस के नए वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिस हालत में है, हमें काफी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। कांग्रेस का वर्कर मायूस है। ऐसी कांग्रेस बनाएंगे, जिसमें व्यक्तिगत ब्रांडिंग नहीं होगी। सिर्फ कांग्रेस का झंडा होगा। इसमें लीडरशिप वर्कर के पास पहुंचेगी।

इस मौके सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस 5 साल के माफिया राज की वजह से हारी। माफिया से लड़ाई किसी एक व्यक्ति नहीं बल्कि सिस्टम के खिलाफ थी। जिसके पीछे कुछ लोग थे। जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं। आज भी पंजाब के अस्तित्व की लड़ाई है, किसी पद की नहीं। पंजाब में जिस दिन माफिया खत्म हो गया तो राज्य फिर से खड़ा हो सकेगा। इस समारोह में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता पहुंचे हुए हैं।

पंजाब में चुनाव से करीब 5 महीने पहले कांग्रेस ने अचानक नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस बना दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद सिद्धू पहले सीएम बनना चाहते थे। फिर कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत चन्नी को सीएम बना दिया। इसके बाद सिद्धू ने जिद की कि उनको सीएम चेहरा बनाकर कांग्रेस चुनाव लड़े। कांग्रेस ने फिर चन्नी पर भरोसा जताया। जिसके बाद सिद्धू ने प्रचार से दूरी बना ली। चुनाव के बाद सोनिया गांधी ने करीब 9 महीने के कार्यकाल के बाद सिद्धू का इस्तीफा ले लिया। सिद्धू फिर प्रधान बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने राजा वडि़ंग को बना दिया।

राजा वडि़ंग को चुनौतियों से जूझती कांग्रेस मिल रही है। कांग्रेस इस वक्त गुटबाजी से घिरी हुई है। सबसे बड़ी परेशानी नवजोत सिद्धू बने हुए हैं, जो पैरलल कांग्रेस चला रहे हैं। वहीं चुनावी हार के बाद वर्कर मायूस हैं, वडि़ंग को उनमें भी जान फूंकनी है। इसके अलावा पंजाब में कई दिग्गज कांग्रेसी भी घर बैठे हुए हैं। मुश्किल वक्त में उन्हें सबको इकट्ठा कर लेकर चलना होगा।

अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग राहुल गांधी के करीबी हैं। वह दिसंबर 2014 से मई 2018 तक राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस के प्रधान रह चुके हैं। वह गिद्दड़बाहा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे हैं। कांग्रेस ने 2009 में उन्हें बठिंडा सीट से लोकसभा टिकट दी थी लेकिन वह बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर बादल से हार गए। इस बार भी पंजाब में ्र्रक्क की लहर और अकाली दल के बड़े विरोध के बावजूद वह सीट जीतने में कामयाब रहे। पिछली कांग्रेस सरकार में अंतिम साढ़े 3 महीने के लिए वह राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री भी रहे।