रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं में किसी की मृत्यु होने या घायल होने पर मिलने वाली अनुग्रह राशि में दस गुना की बढ़ोतरी की
Ex Gratia Compensation
नई दिल्ली। Ex Gratia Compensation: रेलवे बोर्ड ने गुरुवार (21 सितंबर) को रेल दुर्घटनाओं में किसी की मौत या घायल होने पर मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 गुना बढ़ा दिया है। इससे पहले बोर्ड ने अनुग्रह राहत को आखिरी बार 2012 और 2013 में संशोधित किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, "अब ट्रेन दुर्घटनाओं या अप्रिय घटनाओं में शामिल मृत और घायल यात्रियों के आश्रितों को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राहत की राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।"
मृत यात्रियों के रिश्तेदारों को अब 5 लाख रुपये
इसमें कहा गया है कि सड़कों पर रेलवे मानवयुक्त फाटक पर होने वाली किसी दुर्घटना में भी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए अनुग्रह राहत भी बढ़ा दी गई है। यह आदेश 18 सितंबर से लागू होगा। सर्कुलर के मुताबिक, ट्रेन और मानवयुक्त फाटक दुर्घटनाओं में मृत यात्रियों के रिश्तेदारों को अब 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं, साधारण चोट वाले यात्रियों को 50,000 रुपये मिलेंगे।
आश्रितों को पहले मिलती थी कम अनुग्रह राशि
वहीं, पहले ये रकम मृत यात्रियों के रिश्तेदारों के लिए 50,000 रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 25,000 रुपये और साधारण चोट वाले यात्रियों को 5,000 रुपये थी। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि मृत, गंभीर रूप से घायल और किसी अप्रिय घटना में साधारण रूप से घायल यात्रियों के आश्रितों को क्रमशः 1.5 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 5,000 रुपये मिलेंगे।
मृत, गंभीर रूप से घायल और किसी अप्रिय घटना में साधारण रूप से घायल यात्रियों के आश्रितों को पहले क्रमशः 50,000 रुपये, 25,000 रुपये और 5,000 रुपये दिए जाते थे। बता दें कि अप्रिय घटनाओं में आतंकवादी हमला, हिंसक हमला और ट्रेन में डकैती जैसे अपराध भी शामिल हैं।
30 दिनों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे तो प्रति दिन 3,000
ट्रेन दुर्घटनाओं के मामले में गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 30 दिनों से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहने पर अतिरिक्त अनुग्रह राहत की घोषणा की गई है। परिपत्र में कहा गया है, "हर 10 दिन की अवधि के अंत या छुट्टी की तारीख, जो भी हो, प्रति दिन 3,000 रुपये जारी किए जाएंगे।"
गंभीर चोट लगने पर प्रति दिन 1,500 रुपये
सर्कुलर में कहा गया है कि ट्रेन से गंभीर चोट के लगने के मामले में, "हर 10 दिन की अवधि या छुट्टी की तारीख के अंत में, जो भी पहले हो, अस्पताल में भर्ती होने के छह महीने तक प्रति दिन 1,500 रुपये दिए जाएंगे।" इसमें कहा गया है, "इसके बाद, अस्पताल में भर्ती होने के अगले पांच महीनों तक हर 10 दिन की अवधि या डिस्चार्ज की तारीख, जो भी पहले हो, के अंत में 750 रुपये प्रति दिन जारी किए जाएंगे।"
रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि मानव रहित क्रॉसिंग पर दुर्घटना, अतिक्रमियों, ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) द्वारा करंट लगने वाले व्यक्तियों को कोई अनुग्रह राहत नहीं दी जाएगी। बता दें कि रेलवे अधिनियम 1989 में ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में यात्रियों की मृत्यु या चोट के लिए मुआवजा दायित्व निर्धारित किया गया है।
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