राहुल गांधी बोले- मल्लिकार्जुन खड़गे ने धमकी दी! यह फैसला न मानने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्रवाई की बात कही, प्रेस वार्ता में बयान
Rahul Gandhi Threatened By Congress President Mallikarjun Kharge
Rahul Gandhi News: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने धमकी दी है। यह बात खुद राहुल गांधी ने ही प्रेस वार्ता के दौरान बताई। दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई थी। जिसमें यह फैसला किया गया कि, राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष का पद संभाले। लेकिन राहुल गांधी ने नेता विपक्ष बनने को लेकर आनाकानी की और तैयार नजर नहीं आए।
बताया जाता है कि, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मजाक में धमकी देते हुए कहा था कि अगर राहुल गांधी ने इनकार कर दिया तो "मुझे अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ेगी"। जहां इसी बात को लेकर जब बीते कल मल्लिकार्जुन खड़गे से सवाल हुआ तो उन्होंने धमकी के मामले में तो कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने धमकी तो दी है।
दरअसल, बीते कल मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने प्रेस वार्ता की थी। जिसमें यह जानकारी दी गई कि राहुल गांधी वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली सीट से सांसद रहेंगे। जबकि वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह जानकारी दी। जहां इसी बीच मीडिया की तरफ उनसे सवाल किया गया कि, लोकसभा में नेता विपक्ष बनने के कांग्रेस वर्किंग कमेटी की फैसले को नहीं मानने पर राहुल गांधी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी? ऐसा कहा गया था।
तो सवाल यह है कि राहुल गांधी फैसला मान रहे हैं या नहीं? हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी पर सच में कोई कार्रवाई होगी, खरगे ने कोई जवाब नहीं दिया, उन्होंने कहा कि यह आगे की बात है। आगे मानेंगे, नहीं मानेंगे मैं वो भी बता दूँगा। वहीं इस बीच राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा लेकिन धमकी तो दी है, कांग्रेस अध्यक्ष ने धमकी तो दी है।
राहुल गांधी बोले- मेरे लिए मुश्किल फैसला था
राहुल गांधी ने कहा कि, मेरे लिए एक सीट को चुनने का फैसला बहुत बड़ा फैसला था। मेरे लिए यह फैसला करना आसान नहीं था। यह मुश्किल फैसला था क्योंकि मेरा जुड़ाव दोनों के साथ है। मेरा रायबरेली और वायनाड दोनों जगह से इमोशनल कनेक्शन है, पिछले 5 साल से मैं वायनाद का एमपी था और वायनाद के सब लोगों ने प्यार दिया तो उसके लिए मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं, और पूरी ज़िंदगी उनके प्यार को याद रखूँगा।
राहुल गांधी ने कहा कि, प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। मगर मैं भी वायनाड के दौरे किया करूंगा और जो वादे हमने वायनाड को किए थे, उनको हम पूरा करेंगे। रायबरेली सीट को लेकर राहुल ने कहा कि, काफी खुशी हो रही है कि मैं रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व करूंगा। फिलहाल राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट बरकरार रखने और वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने के बारे में लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया है। उन्होंने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपा है।
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं और मैं वायनाड के लोगों को राहुल गांधी की अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।
BJP साध रही निशाना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा कि, प्रियंका गांधी को शुभकामनाएं, हालांकि उनके लिए वायनाड से चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा. अगर प्रियंका गांधी गलती से जीत भी गईं तो संसद काफी दिलचस्प होने वाली है। लोकसभा में भाई-बहन के बीच 'ज्यादा नाकारा कौन है' इस पर प्रतिस्पर्धा होगी। ये समस्या कांग्रेस पार्टी की है हमारी नहीं।
वहीं राहुल गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट बरकरार रखने और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वायनाड से उपचुनाव लड़ने पर भाजपा नेता आर.पी. सिंह ने कहा कि जिस वायनाड ने उन्हें अमेठी से हारने के बाद बचाया, जिस वायनाड ने उन्हें सदन भेजा, उस वायनाड को वे छोड़ रहे हैं। वायनाड सीट के बाद रायबरेली की घोषणा तब तक नहीं की गई जब तक रायबरेली का चुनाव नहीं हो गया। राहुल गांधी के मन में यदि अपनी बहन के प्रति इतना ही प्यार था तो वे रायबरेली की सीट प्रियंका गांधी दे देते, वायनाड से खुद सांसद रहते।
इसी प्रकार बीजेपी राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी जानते हैं कि यदि उन्होंने रायबरेली से इस्तीफा दिया तो दोबारा जीतने की स्थिति नहीं है। इसलिए उत्तर प्रदेश से डर गए। प्रियंका गांधी कहती थीं कि 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं', अगर लड़ सकती हैं तो वो आएं, उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ें. ये दोनों भाई-बहन केवल अपनत्व का झांसा देते हैं। वायनाड की जनता भी जाग्रत होगी और प्रियंका गांधी के जीवन का जो पहला चुनाव होगा वो हार के साथ शुरू होगा।
'उन्हें हिंदुओं पर भरोसा नहीं' - आचार्य प्रमोद कृष्णम
कांग्रेस के इस फैसले पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सवाल उठाए हैं। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं। उनके पास तो कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान होनी चाहिए। लेकिन उन्हें उपचुनाव में उतार कर उनका कद छोटा कर दिया गया है। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, 'उन्हें हिंदुओं पर भरोसा नहीं' है, इसीलिए प्रियंका गांधी को वायनाड सीट से लड़वाया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा रायबरेली सीट बरकरार रखने और वायनाड सीट छोड़ने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, "कांग्रेस पार्टी का मंत्र है 'परिवारवाद और परिक्रमावाद'। इसके अलावा कांग्रेस में कुछ और दिखता ही नहीं है। पदों की गरिमा को ताक पर रखकर कांग्रेस कल्चर चलाया जा रहा है। राहुल गांधी पहले अमेठी से भागे, अब वायनाड से भागे हैं।