राहुल गांधी ने बताया- 'तपस्या का ऐसा मतलब'; अब VIDEO दौड़ा-दौड़ा घूम रहा, लोग देने लगे ये रिएक्शन, लोकसभा में बोल रहे थे
Rahul Gandhi Lok Sabha Speech Tapasya Ka Matlab Kya Hai Video Viral
Rahul Gandhi Lok Sabha Speech: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज सदन में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और सरकार पर जमकर हमला बोला। वह द्रोणाचार्य, एकलव्य, मनु स्मृति, सावरकर अडानी और हाथरस रेप कांड पर बात करते हुए सत्तापक्ष को घेरते नजर आए।
इसी बीच राहुल गांधी ने सदन में तपस्या का ऐसा मतलब भी समझा दिया कि वह खास चर्चा में आ गए। राहुल गांधी का तपस्या का मतलब वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही लोगों के तरह-तरह के रिएक्शन भी सामने आ रहे हैं।
राहुल गांधी बोले- तपस्या का मतलब शरीर में गर्मी पैदा करना
लोकसभा में तपस्या पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, तपस्या का मतलब शरीर में गर्मी पैदा करना है। तप का ये मतलब है। तपस्या का यही मतलब है। वहीं सत्तापक्ष के हंसने और शोर मचाने पर राहुल ने कहा कि, यही तो आप नहीं समझ सकते हो। आपकी यही तो समस्या है। यही तो प्राब्लम है। राहुल ने आगे कहा कि, धनुष में तपस्या है, मनरेगा के काम करने में तपस्या है।
इधर राहुल गांधी के इस बयान के बाद उनका वीडियो जब वायरल हुआ तो किसी ने लिखा- ''अगर आपको बुखार आया है? आपने जरूर “तपस्या” की होगी। किसी ने लिखा- 'राहुल गांधी के प्रवचन सुनने वालों की तपस्या भंग अवश्य हो जाएगी'। किसी ने कहा कि, आखिर कौन है राहुल गांधी का सलाहकार।
वीडियो
द्रोणाचार्य पर सरकार को घेर बैठे राहुल
राहुल गांधी ने लोकसभा सदन में पंजा दिखते हुए कहा, ''यह अभयमुद्रा है। आत्मविश्वास, शक्ति और निर्भयता हुनर से और अंगूठे से आती है। मगर इस सरकार के लोग इसके खिलाफ हैं। जिस तरह से द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था, यह सरकार पूरे देश (खासकर युवाओं का) के अंगूठे काटने में व्यस्त हैं। राहुल ने कहा कि, जब धारावी को अडानी को सौंपा जाता है, तो इस सरकार के लोग उद्यमियों, छोटे और मध्यम व्यवसायों के अंगूठे काट देते हैं। जब भारत के बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रक्षा उद्योग को अडानी को सौंपते हैं, तो भारत के उन सभी निष्पक्ष व्यापारियों के अंगूठे काट दिए जाते हैं जो ईमानदारी से काम करते हैं।"
हम जाति जनगणना लागू करेंगे
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "हम यहां जाति जनगणना लागू करेंगे और उसके बाद हिंदुस्तान में एक नए तरह का विकास, एक नई तरह की राजनीति होगी। हम यहां 50% आरक्षण की दीवार को तोड़ेंगे और हम यहां जाति जनगणना कराएंगे। अंबेडकर जी ने कहा था कि 'अगर राजनीतिक समानता है लेकिन सामाजिक और आर्थिक समानता नहीं है, तो राजनीतिक समानता नष्ट हो जाएगी', ये अंबेडकर जी के शब्द हैं। आज ये सबके सामने है। आज राजनीतिक समानता खत्म हो गई है। भारत की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है, सामाजिक समानता नहीं है, आर्थिक समानता नहीं है, इसलिए हमारा अगला कदम जाति जनगणना होगी।
इधर, राहुल गांधी ने कहा कि, मैं RSS के विचारों की आधुनिक व्याख्या करने वाले सर्वोच्च नेता के उस कथन को भी यहां रख रहा हूँ जो भारत के संविधान के बारे में और उनके विचार से भारत को कैसे चलाया जाना चाहिए, के बारे में है। जिसके अनुसार, भारत के संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति वह धर्मग्रंथ है जो हमारे हिंदू राष्ट्र के लिए वेदों के बाद सबसे अधिक पूजनीय है और जिससे हमारी प्राचीन संस्कृति, रीति-रिवाज, विचार और व्यवहार का आधार बना है।
राहुल ने कहा कि, इस पुस्तक ने सदियों से हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को संहिताबद्ध किया है। आज मनुस्मृति ही कानून है। ये सावरकर के शब्द हैं। सावरकर ने अपने लेखन में स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस पुस्तक से भारत चलता है, उसे इस पुस्तक से हटा दिया जाना चाहिए। इसी बात को लेकर लड़ाई है।