राघव चड्ढा ने संसद में शब्दों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
राघव चड्ढा ने संसद में शब्दों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कहा- ये शब्द भाजपा सरकार की कारगुजारी का सटीक वर्णन करते हैं: राघव चड्ढा
-जनता के प्रतिनिधियों को बोलने के अधिकार से वंचित करना चाहती है मोदी सरकार: राघव चड्ढा-मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है केंद्र सरकार का फैसला: राघव चड्ढा
चंडीगढ़, 14 जुलाई
संसद सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा और राज्यसभा में कुछ शब्दों के बोलने पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने भाजपा सरकार पर तंज कसा और कहा कि सरकार का ये फैसला विरोधी पार्टियों की आवाज़ दबाने की सोची समझी साजिश है।
चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि "यह जानकर अच्छा लगा कि केंद्र की भाजपा सरकार उसकी कारगुजारी का वर्णन करने वाले शब्दों से भलीभांति वाकिफ है।" उन्होंने लिखा कि जिन शब्दों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे सभी भाजपा सरकार का सटीक वर्णन करते हैं।
चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में कुछ शब्दों (जुम्लाजीवी,बाल बुद्धि,भ्रष्ट दोगलापन, ड्रामा, असमर्थ, नौटंकी, तानाशाह) पर प्रतिबंध लगाना भाजपा नेताओं के डर को दर्शाता है। ये सभी शब्द भाजपा और उसके नेताओं को आईना दिखाते हैं इसलिए भाजपा सरकार ने उन्हें गैर-संसदीय घोषित कर दिया है। केंद्र की मोदी सरकार नहीं चाहती कि देश की संसद में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि भाजपा की विफलताओं का पर्दाफाश करें।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोगों को दिखाए गए सपने अब एक के बाद जुमले साबित हो रहे हैं, इसलिए सरकार "जुम्लेबाजी," जैसे शब्दों पर रोक लगा रही है, ताकि भाजपा नेताओं को शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े। राज्यसभा सदस्य का मानना है कि भाजपा सरकार का यह कदम मौलिक अधिकारों पर हमला है। भाजपा इस तरह से शब्दों पर प्रतिबंध लगाकर स्वतंत्र भारत में चुने गए जनता के प्रतिनिधियों को बोलने के अधिकार से वंचित करना चाहती है।