Editorial: इनेलो नेता की हत्या से हरियाणा में कानून-व्यवस्था पर सवाल
- By Habib --
- Tuesday, 27 Feb, 2024
INLD leader murdered
हरियाणा के बहादुरगढ़ कस्बे में इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी और उनके समर्थक की हत्या बेहद जघन्य और कायराना हरकत है। इस हत्याकांड के बाद प्रदेश में तमाम बातें हो रही हैं और सत्ता पक्ष के नेताओं एवं अन्य पर आरोप लग रहे हैं, जोकि बेहद गंभीर है। विधानसभा सत्र के दौरान इस हत्याकांड को लेकर सदन में सरकार पर तमाम आरोप लगाए गए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है, जो कि उचित ही है। निश्चित रूप से राजनीतिक हत्या ही है, जैसा कि आशंका व्यक्त की जा रही है। क्योंकि पुलिस ने भी एक पूर्व विधायक समेत 7 नेताओं पर केस दर्ज किया है। इस समय देशभर में कोई ऐसा राज्य नहीं है, जिसे सुरक्षित कहा जा सके, अपराधी हर जगह हैं और उन पर पुलिस का भी खौफ नहीं है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि बदनामी अब बुरी बात नहीं रही है और पैसा एवं पहुंच दोनों सिर चढक़र बोल रहे हैं। नफे सिंह राठी की हत्या के पीछे वास्तव में किन लोगों का हाथ है, यह तो सीबीआई की जांच में सामने आएगा ही, लेकिन जिन लोगों पर अंगुली उठी है, उससे जाहिर होता है कि किसी प्रभाव में उन्होंने इतने बेखौफ होकर इस वारदात को अंजाम दिलाया है।
आज के समय में कब कौन कहां किससे दुश्मनी कर बैठे, किसी को नहीं पता। हालांकि इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रहे नफे सिंह राठी के संबंध में बीते कुछ समय से खबरें आ रही थीं। उन्होंने खुद पर हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा की भी मांग की थी। यह सब बातें उनके समर्थकों एवं पार्टी नेताओं की ओर से कही गई हैं, हालांकि सरकार का दावा है कि ऐसा कोई पत्र उसे नहीं मिला है। अब इनेलो की ओर से इस मामले में एक हफ्ते का समय देते हुए आरोपियों को पकडऩे का सरकार पर दबाव बनाया गया है, इसके बाद पार्टी की ओर से बड़ा कदम उठाया जाएगा। वास्तव में यह मामला ऐसा भी नहीं कि जिसे सामान्य तरीके से लिया जाए।
निश्चित रूप से इससे साबित होता है कि अपराधी कभी भी और कहीं भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। अगर किसी पूर्व विधायक एवं राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ऐसा हो सकता है तो फिर आम नागरिक की तो बिसात ही क्या है। इस वारदात से यह खुलासा भी हुआ है कि अपराधियों ने पूरी साजिश के साथ इसे अंजाम दिया, उन्होंने राठी की गाड़ी का पीछा किया और उस रेलवे क्रासिंग पर पहुंचने का इंतजार किया, जब सामने से गाड़ी गुजरने वाली थी। यह बताता है कि वारदात को अंजाम देने के लिए लंबे समय से तैयारी की जा रही थी, यानी यह मामला किसी फौरी घटना से नहीं जुड़ा है,अपितु लंबे समय से जारी रंजिश का प्रतिफल है।
इस प्रकरण में सवालों के बवंडर उठ रहे हैं, जोकि चिंताजनक है। राठी ने 16 नवंबर 2023 को पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति उनकी राजनीतिक लोकप्रियता से द्वेष बनाए हुए हैं। उन्होंने कुछ आरोपियों का नाम लेते हुए कहा था कि वे उन पर किसी अपराधी से हमला करवाने की फिराक में रहते हैं। अब इस पत्र के चार महीने के अंदर उनकी हत्या भी हो गई, ऐसे में उनकी आशंका सही साबित हुई। क्या एक विरोधी राजनीतिक दल के नेता की गुहार को इस तरह से अनदेखा किया जाएगा। बेशक, सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रत्येक खास और आम नागरिक को सुरक्षा प्रदान करे। लेकिन अगर कोई इतनी गंभीरता से सरकार को यह बता रहा है कि उसके साथ कोई अनहोनी घट सकती है, तब भी इसकी अनदेखी की गई। हरियाणा भी वह प्रदेश है, जिसमें बीते कुछ वर्षों के दौरान आपराधिक वारदातों में भारी इजाफा हो चुका है। इसके पीछे सत्ता में कौन सी पार्टी है, से अभिप्राय नहीं रह गया है। लाख कानून और व्यवस्था बनाए रखने की बात कहने के बावजूद ऐसी वारदातें अंजाम दे दी जाती हैं, क्योंकि अपराधी बेखौफ हो गए हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों में गोहाना में एक प्रसिद्ध हलवाई पर गोलीबारी करके उससे फिरौती मांगी गई थी। दरअसल, राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में पुलिस की अलर्टनेस को बढ़ाने की जरूरत है, वहीं यह भी जरूरी है कि अपराधी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो और उसे अदालत के कठघरे में खड़ा किया जाए। नफे सिंह राठी की हत्या सामान्य वारदात नहीं है, इससे प्रदेश में कानून और व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं। प्रदेश सरकार को इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए अपराध पर नियंत्रण पाना होगा।
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