बहुत खास है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; मगर ये स्टोरी पता है आपको? ये PHOTOS देखिए और सब कुछ जानिए
Puri Jagannath Rath Yatra Kyon Nikali Jati Hai
Puri Jagannath Rath Yatra 2023: ओडिशा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध भव्य रथ यात्रा निकाली जा रही है। भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-दुनिया के तमाम हिस्सों से भारी संख्या में लोग ओडिशा के पुरी पहुंचे हुए हैं। मौके पर रथ यात्रा के महोत्सव की धूम देखते ही बन रही है।
बतादें कि, हर साल ही बड़ी धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस बार भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथ यात्रा है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए कई दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी तैयारियों का भी जायजा लिया जाता है। रथ यात्रा के दौरान भीड़ को संभालने और सुरक्षा के लिए भारी फोर्स तैनात रहती है। इस बार भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे जवानों की नजर है और किसी भी तरह की अप्रिय आशंका को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं साथ ही ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है।
क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा?
वैसे तो सभी लोग ही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra Kyon Nikali Jati Hai) के बारे में जानकारी रखते ही हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो आपको बतादें कि, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है। क्योंकि मंदिर के गर्भगृह से निकलकर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र रथ में सवार होकर नगर यात्रा पर निकलते हैं और इस दौरान वह अपनी मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। यानि गुंडिचा मंदिर। सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है।
मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई थी। तब जगन्नाथ और बलभद्र अपनी लाडली बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े थे। इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए थे। तभी से जगन्नाथ यात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है। मान्यताओं के मुताबिक, मौसी के घर पर भाई-बहन के साथ भगवान जगन्नाथ खूब पकवान खाते हैं और फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। मौसी के घर सात दिनों के प्रवास के बाद जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने निवास पर लौट आते हैं।
रथों को खींचती है भक्तों की भीड़
विशाल, रंगीन ढंग से सजाए गए तीन रथों को को भक्तों की भीड़ खींचती है। आपको यह भी बतादें कि, भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का रथ कोई साधारण नहीं होता है। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के तीन रथों का निर्माण हर साल विशिष्ट पेड़ों की लकड़ी से परंपरागत तरीके से किया जाता है।
पीएम मोदी ने रथ यात्रा की बधाई दी
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए लोगों को बधाई दी है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ''रथ यात्रा की सभी को बधाई. जैसा कि हम इस पवित्र अवसर को मनाते हैं, भगवान जगन्नाथ की दिव्य यात्रा हमारे जीवन को स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि से भर दे। बता दें, पीएम मोदी अमेरिका रवाना हो गए हैं।