पंजाब का सौर ऊर्जा की तरफ बड़ा कदम; मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन सरकार द्वारा 1200 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए समझौते
- By Vinod --
- Thursday, 17 Aug, 2023
Punjab's big step towards solar energy
Punjab's big step towards solar energy- पंजाब की बिजली सप्लाई की भावी ज़रूरत की पूर्ति करने और साफ़-सुथरी ऊर्जा को उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के कंट्रोल वाली और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सतलुज जल विधुत निगम ( एस. जे. वी. एन) के साथ 1200 मेगावाट सप्लाई के लिए बिजली ख़रीद समझौते ( पी. पी. ए.) पर हस्ताक्षर किये।
इस समझौते के बारे विवरण देते हुये मुख्यमंत्री ने पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान बताया कि पी. एस. पी. सी. एल. ने पंजाब और देश भर में स्थित सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों से बिजली की ख़रीद के लिये टैंडर जारी किये थे। उन्होंने कहा कि सतलुज जल विधुत निगम ग्रीन एनर्जी लिमटिड ने बीकानेर (राजस्थान) और भुज (गुजरात) से 2.53 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से एक हज़ार मेगावाट और होशियारपुर (पंजाब) से 2.75 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से 200 मेगावाट बिजली सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार मुकाबले की बोली के लिए सविस्स चैलेंज विधि ( एस. सी. एम.) लागू की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले 2.59 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगी थी परन्तु बातचीत करने के बाद यह भाव 2.53 रुपए पर आ गया, जिससे सरकारी खजाने की बचत होगी। उन्होंने कहा कि 200 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए 2.79 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई गई थी परन्तु अंत में 2.75 रुपए प्रति यूनिट पर सहमति बनी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने कंपनी के साथ विचार-विमर्श करके 431 करोड़ रुपए की बचत की। उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन खर्चे टालने के लिए यह प्रोजेक्ट जल्द शुरू होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के समय पर प्राईवेट कंपनियों को लाभ देने के लिए इन समझौतों के ज़रिये लोगों के पैसे की अंधाधुन्ध लूट होती थी। उन्होंने कहा कि 2007 से 2017 तक बिजली ख़रीद के लिये कोई भी समझौता सात रुपए प्रति यूनिट से कम नहीं किया गया, जबकि अब बहुत कम कीमत पर बिजली ख़रीद के लिये समझौता किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे लोगों के पैसे की बचत होगी और राज्य को बड़ा फ़ायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की बैंकिंग के लिए नीति लागू करने वाला पंजाब पहला राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि यह मिसाली कदम होगा, जिसका उद्देश्य पंजाब को बिजली सरप्लस वाला राज्य बनाना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को सस्ती, बाकायदा और निर्विघ्न बिजली सप्लाई मुहैया करने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली ख़रीद समझौते की दरों में अगले 25 सालों तक कोई विस्तार नहीं होगा और पी. एस. पी. सी. एल. द्वारा कोई ट्रांसमिशन चार्ज और ट्रांसमिशन लॉसिज़ का भुगतान नहीं किया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने बताया कि यह सौर्य ऊर्जा प्रोजेक्ट 18 महीनों के भीतर कार्यशील होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़मर्रा के 83 लाख यूनिट का अनुमानित उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि इससे दिन के समय पर कृषि ट्यूबवैलों को बिजली सप्लाई करने में मदद मिलेगी क्योंकि दिन के समय पर सौर ऊर्जा मौजूद होती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सौर ऊर्जा को और प्रफुल्लित करने और कृषि ट्यूबवैलों को दिन के समय पर अधिक से अधिक बिजली सप्लाई करने के लिए पी. एस. पी. सी. एल. ने पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में स्थित प्रोजेक्टों से 2500 मैगावट सौर ऊर्जा खरीदने के लिए नये टैंडर जारी किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कंपनियों के साथ किये गए समझौते सार्वजनिक किये हैं जबकि इससे पहली सरकारें पर्दे के पीछे समझौते करती थीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा युग सौर ऊर्जा का है, जिस कारण हमने यह समझौता किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज सौर ऊर्जा की खरीद का यह समझौता देश में सबसे बड़ा समझौता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार गोइन्दवाल बिजली प्लांट की खरीद करने के लिए भी आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य प्राईवेट थर्मल प्लांटों के साथ समझौतों में ज़रूरी संशोधनों के लिए यत्न किये जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह यत्न सिर्फ़ और सिर्फ़ लोगों को बिजली की सप्लाई यकीनी बनाने के उद्देश्य से किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को भविष्य में मुफ़्त बिजली की सुविधा जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं से मुफ़्त बिजली के बदले कोई कीमत लागू करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों के लिए राज्य के पास अतिरिक्त बिजली है और किसानों को सब्सिडी देने के लिए फंडों की कोई कमी नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से नहरी पानी का अधिकतम प्रयोग यकीनी बनाने के लिए यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में भूजल को बचाने में मदद मिलेगी और नहरी पानी के प्रयोग को यकीनी बनाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल्दी ही सिंचाई, जल स्रोत और सम्बन्धित विभागों का विलय करेगी।
मुख्यमंत्री के साथ उनके विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और कुमार अमित और अन्य उपस्थित थे।