पंजाबी कभी भी चंडीगढ़ यां अपनी नदी के पानी पर अपना अधिकार छोड़ने पर समझौता नही करेंगें: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया

पंजाबी कभी भी चंडीगढ़ यां अपनी नदी के पानी पर अपना अधिकार छोड़ने पर समझौता नही करेंगें: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया

पंजाबी कभी भी  चंडीगढ़ यां अपनी नदी के पानी पर अपना अधिकार छोड़ने पर समझौता नही करेंगें: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया

पंजाबी कभी भी चंडीगढ़ यां अपनी नदी के पानी पर अपना अधिकार छोड़ने पर समझौता नही करेंगें: सरदार बिक्रम

कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत ऐसे बयान न दें जिससे राज्य का माहौल खराब हो

शेखावत के दावे का खंडन किया कि राजस्थान का बी.बी.एम.बी पर समान अधिकार है

गुरदासपुर/01सितंबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज कहा है कि पंजाबी चंडीगढ़ यां नदी के पानी पर अपना अधिकार छोड़ने पर कभी समझौता नही करेंगें और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से कहा कि वे ऐसे बयान  न दें जिससे राज्य की स्थिति खराब हो।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता गुरबचन सिंह बब्बेहाली द्वारा आयोजित छिंज मेले में भाग लेने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘‘ श्री शेखावत द्वारा दिए गए बयानों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसी तरह के बयानों ने पहले राज्य की शांति को तबाह कर दिया था और राज्य को अंधेरे और संघर्ष के युग में ले जाया गया’’।

सरदार मजीठिया ने कहा कि पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जिसे 1966 पुनर्गठन के बाद अपनी राजधानी नही मिली। उन्होने कहा, ‘‘ हमें आश्वासन दिया गया था कि चंडीगढ़ हमें  स्थानांतरित कर दिया जाएगा। राजीव-लोंगोंवाल समझौते ने  चंडीगढ़  पंजाब को  अधिकार दिया और संसद के दोनों सदनों के साथ साथ पंजाब और हरियाणा की विधानसभाओं में इसकी पुष्टि की गई।  इस तरह के गंभीर वादों के बावजूद हमें चंडीगढ़ के हमारे अधिकार से वंचित किया जा रहा है’’।

पूर्व मंत्री ने शेखावत को यह भी याद दिलाया कि खरड़ को उजाड़कर  चंडीगढ़ का निर्माण किया गया था । उन्होने कहा कि खरड़ तहसील पंजाब की है और अब भी राज्य का अभिन्न अंग है। जब पंजाब का चंडीगढ़ पर अविभात्य अधिकार है, तो केंद्रीय मंत्री यह कैसे कह सकते हैं कि इसकी स्थिति का फैसला करने के लिए एक नई विधि का उपयोग किया जाना चाहिए?’’

यह कहते हुए कि यह गलत और अन्यायपूर्ण कदम है, सरदार मजीठिया ने शेखावत के बयान के औचित्य पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान का समान अधिकार है। अकाली नेता ने कहा कि यह विवाद ऐतिहासिक और तथ्यात्मक दोनों तरह से गलत है, क्योंकि ब्यास नदी के पानी पर केवल पंजाब और हिमाचल प्रदेश का ही अधिकार है, क्योंकि न तो हरियाणा और न ही राजस्थान रिपेरियन राज्य हैं।

सरदार मजीठिया ने कहा कि भाखड़ा बांध के प्रबंधन पर पंजाब के प्रमुख अधिकार को भी प्रबंधन बोर्ड में सभी कर्मचारियों की पोस्टिंग में 60 फीसदी हिस्सेदारी देकर मान्यता दी गई है। अकाली नेता ने कहा, ‘‘ श्री शेखावत का राजस्थान का बीबीएमबी में समान हिस्सा होने का नया दावा तर्कहीन है इससे केवल कलह ही फैलेगा।

यह कहते हुए कि चंडीगढ़ को पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए, सरदार मजीठिया ने कहा कि कि कर्मचारियों पर केंद्र सरकार के नियम लागू करने , सरकारी पदों पर पंजाबी की 60 फीसदी हिस्सेदारी को कम करने और यूटी कैडर के निर्माण सहित चंडीगढ़ के पंजाब के अधिकार को कमजोर करने के लिए किए गए सभी उल्लंघनों को पूर्ववत किया जाना चाहिए।

एक सवाल का जवाब देते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि तरनतारन में एक चर्च की तोड़फोड़ कानून और व्यवस्था बनाए रखने में आप पार्टी की सरकार की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है। उन्होने कहा, ‘‘ ऐसा पहले कभी नही हुआ’’। उन्होने कहा कि  सिख धर्म हमेशा सभी की भलाई की बात करता है।।