शिरोमणी अकाली दल सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध: सरदार सुखबीर सिंह बादल
Shiromani Akali Dal Committed to Follow the Principles Laid Down
कहा कि वह पंजाब को देश का नंबर वन राज्य बनाने के प्रयास के अलावा भाईचारक सांझ की रक्षा के लिए कोइ भी बलिदान देने से पीछे नही हटेंगें
कहा कि यह खुशी की बात है कि एन.एस.डी.सी ने सरदार परकाश सिंह बादल के सम्मान में बादल गांव में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की मंजूरी दे दी
बादल/25अप्रैल: Shiromani Akali Dal Committed to Follow the Principles Laid Down: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह स्वयं पंजाब में साम्प्रदायिक सदभाव में कोई दरार न आए यह सुनिश्चित करने के लिए काई भी बलिदान देने से पीछे नही हटेंगें।
पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल की दूसरी बरसी के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा,‘‘ मैं बादल साहिब की ‘‘ सोच’’ पर चलने और पंजाब को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं यहां आए सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे पूर्व मुख्यमंत्री के आदर्शों को अपने दिल में रखें और अकाली दल को मजबूत करने के लिए काम करें और पंजाब के लिए निस्वार्थ भाव से काम करें।’’ उन्होने यह भी कहा कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘‘ राज नही सेवा’’ के नारे का सबसे अच्छा उदाहरण पेश किया और धार्मिक राजनीति से दूर रहे और हर समुदाय का प्यार और स्नेह मिला था इसीलिए उन्हे ‘‘ जनता के मुख्यमंत्री’’ का खिताब मिला था।
पूर्व मुख्यमंत्री और कौशल विकास और नौजवानों के लिए रोजगार पैदा करने के उनके जुनून के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा,‘‘ यह बेहद खुशी की बात है कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने बादल गांव में कौशल केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होने कहा,‘‘ हम केंद्र के लिए जमीन मुहैया कराएंगें तथा यह भुवनेश्वर के बाद देश का दूसरा ऐसा केंद्र होगा। एनएसडीसी सलाहकार ने इस संबंध में अकाली दल अध्यक्ष को मंजूरी पत्र सौंपा और खुलासा किया कि केंद्र का नाम सरदार परकाश सिंह बादल कौशल भारत केंद्र होगा, जो हर साल 2000 छात्रों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ नेता सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ ने सरदार परकाश सिंह बादल के साथ अपने दशकों पुराने संबंधों को याद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किए गए संघर्ष और बलिदान की विभिन्न घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होने यह भी बताया कि किस तरह पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी अपनी सरकार को दांव पर लगाकर बंदी सिंह भाई बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी से बचाया था।
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सभी से सरदार परकाश सिंह बादल के जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया और बताया कि कैसे उन्होने 75 साल अकाली दल की सेवा में समर्पित किए थे। उन्होने बताया कि किस तरह पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने सबको साथ लेकर प्रगति के रास्ते पर चलने का काम किया।
इस अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा विभिन्न पंथक योगदानों के बारे बताया, जिसमें सिख स्मारकों की स्थापना और महत्वपूर्ण शताब्दी समारोह की यादगारे शामिल हैं। उन्होने सिख समुदाय से गुरु साहिबों की शिक्षाओं का पालन करने, पंथ विरोधी ताकतों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होने और सिख पंथ और इसके संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने पर तुले हुए आंतरिक विरोधियों की पहचान करने का आग्रह किया।
सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने भी सरदार परकाश सिंह बादल के सम्मान में बात करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के साथ प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति पंजाब, सिख धर्म और भारतीय राजनीति में सरदार बादल द्वारा किए गए योगदान का स्पष्ट प्रमाण है।