दशकों से उपेक्षित दोआबा क्षेत्र को मुख्यमंत्री के प्रयासों से 36 महीनों में तीसरा मेडिकल कॉलेज मिला

Third Medical College in 36 Months

Third Medical College in 36 Months

भगवंत मान ने एस.बी.एस. नगर में 300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शहीद भगत सिंह मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर रखा

कपूरथला और होशियारपुर के बाद दोआबा में बनेगा तीसरा मेडिकल कॉलेज

शहीद भगत सिंह नगर, 23 मार्च: Third Medical College in 36 Months: कई दशकों से उपेक्षित रहे पंजाब के दोआबा क्षेत्र को 36 महीनों के भीतर अपना तीसरा मेडिकल कॉलेज तब मिला, जब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शहीद भगत सिंह सरकारी मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर रखा।

यह दोआबा क्षेत्र का तीसरा मेडिकल कॉलेज होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री ने पहले ही होशियारपुर और कपूरथला में मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी थी। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के कारण दोआबा क्षेत्र के चार जिलों में से तीन—होशियारपुर, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर—अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों से सुसज्जित होंगे। यह नया सरकारी मेडिकल कॉलेज ज़िला सिविल अस्पताल से संबद्ध होगा। इसका नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, जो उनकी विरासत को सच्ची श्रद्धांजलि है।

इस कॉलेज में एम.बी.बी.एस. की 50 सीटें होंगी, जिससे मेडिकल शिक्षा इस क्षेत्र के छात्रों की पहुंच में आएगी। वर्तमान में, एस.बी.एस. नगर का जिला सिविल अस्पताल केवल सेकेंडरी स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण गंभीर चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं। मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद विशेषज्ञ और सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे।

मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग, आर्थोपेडिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग और आपातकालीन देखभाल जैसे विभागों को और मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, आई.सी.यू., ट्रॉमा सेंटर और डायग्नोस्टिक लैब्स को उन्नत किया जाएगा ताकि गंभीर मरीजों का बेहतर इलाज संभव हो सके। मरीजों की देखभाल को और प्रभावी बनाने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण और नवीनतम तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी।

यह अस्पताल न केवल एक आधुनिक शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में विकसित होगा, बल्कि मरीजों और मेडिकल छात्रों, दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा। शहीद भगत सिंह नगर एक दूरस्थ जिला है, जहां  टरशरी स्वास्थ्य सेवाएं काफी सीमित हैं। पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा इस क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की गई थी, जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए लुधियाना, जालंधर या चंडीगढ़ जाना पड़ता था। इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना से स्थानीय स्तर पर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे रेफरल अस्पतालों पर दबाव कम होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों को सेवा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिस से स्थानीय जनता को मिलेगा लाभ होगा।

इस कॉलेज की स्थापना से लोगों को उनके घरों के पास किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी। साथ ही, यह मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी विस्तार करेगा, क्योंकि अब स्थानीय छात्रों को मेडिकल पढ़ाई के लिए अपने जिले से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। भविष्य में यह मेडिकल कॉलेज हृदय रोग (कार्डियोलॉजी), गुर्दा रोग (नेफ्रोलॉजी), तंत्रिका विज्ञान (न्यूरोलॉजी) और कैंसर उपचार (ऑन्कोलॉजी) जैसी उन्नत चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान करेगा और विशेष स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक प्रेरणा केंद्र बनेगा।

इस मेडिकल कॉलेज के खुलने से डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों के लिए नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी, क्योंकि छात्रों और फैकल्टी की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यापार और बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार छह नए मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस परियोजना को तय समयसीमा में पूरा करने और इसे शीघ्र क्रियान्वित करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। इस संस्थान को जल्द से जल्द पूरी तरह से संचालित करने के लिए फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती को प्राथमिकता दी जाएगी। पंजाब सरकार इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के साथ-साथ शहीद भगत सिंह नगर को उत्तरी पंजाब का स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी सुनिश्चित करेगी।

यह मेडिकल कॉलेज सिर्फ एक परियोजना नहीं है, बल्कि शहीद भगत सिंह नगर के लोगों से किया गया एक वादा भी है। यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा और क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करेगा। शहीद भगत सिंह के नाम पर स्थापित यह कॉलेज आने वाली पीढ़ियों के डॉक्टरों को पूरी निष्ठा से समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।

यह पंजाब की स्वास्थ्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने और सभी नागरिकों को उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा एवं उपचार सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।