मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा संसदीय क्षेत्रों की की जा रही 'अनुचित परिसीमन' का कड़ा विरोध करने की घोषणा की

Chief Minister announced to strongly oppose the 'Improper Delimitation'
चेन्नई में परिसीमन के खिलाफ आयोजित सम्मेलन में की शिरकत
इस अनुचित और अलोकतांत्रिक कदम के विरोध में किए जाने वाले हर प्रयास का पूर्ण समर्थन करेंगे
चेन्नई, 22 मार्च: Chief Minister announced to strongly oppose the 'Improper Delimitation': पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज घोषणा की कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा विरोधी पार्टियों की आवाज दबाने के लिए संसदीय क्षेत्रों का किया जा रहा अनुचित, हानिकारक और अलोकतांत्रिक परिसीमन का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा आयोजित सम्मेलन में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "भाजपा द्वारा उन राज्यों में सीटें घटाना, जहां वे नहीं जीत सकते, यह शर्मनाक कार्य अलोकतांत्रिक है और हम लोकतंत्र को कमजोर करने की भगवा पार्टी की नापाक साजिशों को सफल नहीं होने देंगे।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इस मनमाने कदम का उद्देश्य केवल उन राज्यों में सीटों को घटाकर विरोधी पार्टियों को समाप्त करना है, जहां भाजपा नहीं जीत सकती। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, भाजपा हिंदी पट्टी में सीटें बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है, जहां उन्हें अधिक सीटें मिलती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि दक्षिण भारत में जनसंख्या घनत्व के नाम पर सीटें घटाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविकता यह है कि दक्षिण भारत की सीटों को जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को लागू करके कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी यदि भाजपा परिसीमन के बाद उत्तर प्रदेश में सीटों की संख्या 80 से बढ़ाकर 140 से अधिक कर दे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भगवा पार्टी की मंशा अपने गढ़ वाले क्षेत्रों या जहां से वे अधिक से अधिक सीटें जीत सकते हैं, वहां सीटों को दो या तीन हिस्सों में विभाजित करने की है।
उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उनके द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाने वाला लोकसभा क्षेत्र संगरूर था, जिसमें तीन जिले संगरूर, बरनाला और मलेरकोटला शामिल थे। उन्होंने कहा कि यदि यह सीट भाजपा के अधीन होती, तो उनकी मौजूदा योजना के अनुसार वे इस सीट को तीन हिस्सों में विभाजित कर देते और संगरूर, बरनाला और मलेरकोटला को अलग-अलग लोकसभा सीटों के रूप में विभाजित कर देते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तरह भाजपा अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए लोकसभा सीटों को 543 से बढ़ाकर 850 या उससे अधिक करना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा उन क्षेत्रों को समाप्त करना चाहती है, जहां वह कमजोर है और उन सीटों को बढ़ाना चाहती है, जहां वह मजबूत है। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य और अनुचित है और इसका जोरदार विरोध किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सत्ता की असीम लालसा रखने वाली भाजपा, देश में लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसे कभी भी और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा इस परिसीमन के माध्यम से पंजाब को अपमानित करना चाहती है, जिसने देश की आज़ादी के संघर्ष में बड़ी कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 13 लोकसभा सीटें हैं, जिसके माध्यम से लोकतांत्रिक ढांचे में पंजाब की भागीदारी 2.39 प्रतिशत बनती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भाजपा राज्य में लोकसभा सीटों को 18 तक बढ़ाना चाहती है, लेकिन इससे राज्य की हिस्सेदारी घटकर 2.11 प्रतिशत रह जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है क्योंकि देश की आजादी के लिए 90 प्रतिशत कुर्बानियां देने वाले राज्य की हिस्सेदारी कम नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बजाय सीटों की संख्या बढ़ाकर 21 की जाए या फिर इसे यथावत रखा जाए। भगवंत सिंह मान ने इस अनुचित परिसीमन के इस कठोर कदम का विरोध करने के लिए सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन दिया और उन्होंने सभी दलों को पंजाब के किसी भी शहर में इस गंभीर मुद्दे पर अगला सम्मेलन आयोजित करने का निमंत्रण दिया।