सरकार की नीति गलत, नौ सदस्यीय समिति बनाएगी आगे की रणनीति : किसान नेता प्रधान बूटा सिंह 

Government's policy is wrong, a nine-member committee will formulate the future strategy

Government's policy is wrong, a nine-member committee will formulate the future strategy

Government's policy is wrong, a nine-member committee will formulate the future strategy- पटियाला। जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर समेत किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों में रोष देखने को मिल रहा है। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन, शादीपुर के नेता प्रधान बूटा सिंह ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने बताया कि नौ सदस्यीय समिति किसानों के लिए आगे की योजना बनाएगी और उसी के अनुसार किसान संगठन अपना अगला कदम उठाएंगे। 

किसानों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए बूटा सिंह ने मीडिया से कहा, "जो कुछ हुआ, वह गलत हुआ। आखिरकार, पुलिस भी हमारी है, किसान भी हमारे हैं, और सरकार भी हमारी है। अगर इन तीनों के बीच टकराव होता, तो कहीं न कहीं नुकसान ही होता। ऐसा नहीं होना चाहिए था। सरकार ने गलत किया कि पहले पुलिस ने टेबल टॉक (बातचीत) के लिए बुलाया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। यह ठीक नहीं था, यह गलत हुआ।"

सरकार की नीति की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि हमारी (पंजाब) सरकार केंद्र के इशारों पर चलने लगी है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। भगवंत मान सरकार ने अकेले-अकेले किसानों के घर जाकर वोट मांगी थीं। किसान, मजदूर और कर्मचारी सभी ने उन्हें समर्थन दिया था, जिससे पार्टी को इतनी बड़ी जीत मिली थी। अब उसी तरह, उन्हें जनता की भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए था। किसान अपनी मांगें रख रहे हैं, मजदूर भी अपनी मांगें रखेंगे, और अन्य संगठनों को भी अपनी मांगों के लिए बात करनी होती है। लेकिन सरकार को जबरदस्ती का रवैया नहीं अपनाना चाहिए था। सरकार को शांति से बैठकर इस मसले को हल करना चाहिए था। आगे की रणनीति हमारी नौ सदस्यीय समिति तय करेगी और हम उसके अनुसार आगे बढ़ेंगे।"

किसान प्रदर्शन के दौरान रास्ता बंद होने को लेकर, "हम हमेशा कहते आए हैं कि रास्ता बंद होने से पंजाब राज्य को भी नुकसान हुआ है। हमारे व्यापारी भाई इससे प्रभावित हुए हैं। हमने कई बार यह बात कही है कि व्यापारी हमसे दूर होते जा रहे हैं। पंजाब के व्यापारी और शहरी लोग हमसे कटते जा रहे हैं। इसका कारण यही है कि रास्ते बंद हो रहे हैं। इन्हें खुलवाना जरूरी है। अगर हम एकजुट होकर पहले की तरह संघर्ष करते, तो शायद ये रास्ते बंद न होते।"

उन्होंने कहा, "पहले, हम सीधे दिल्ली जाते थे और वहां सरकार से बात होती थी। अब जब हम पंजाब में ही रुक गए, तो दिल्ली सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा। अगर हम पहले की तरह दिल्ली पहुंच जाते, तो रास्ते बंद नहीं होते और लोग खुश रहते। अब जनता इस बात से खुश नहीं है, और इस आपसी असहमति का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, जो शायद कभी पूरा नहीं हो सकेगा। हमारी एकजुटता की कमी की वजह से हमें बहुत बड़ा घाटा हुआ है। यह नुकसान अब कभी भी पूरा नहीं हो सकता। हमारी आपसी अहंकार ने हमें नुकसान पहुंचाया। कोई भी यह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं कि गलती कहां हुई।"

पुलिस की भूमिका पर बोलते हुए कहा, "हमने 2020 में भी अपनी एकता नहीं दिखाई थी। उस समय भी हमारे बड़े नेता यही कहते रहे कि हमें अलग-अलग लड़ना चाहिए। लेकिन हम अलग-अलग लड़कर जीत नहीं सकते। अगर हम एकजुट होंगे, तो लड़ाई जीतेंगे। अलग-अलग लड़कर सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ेगा। पुलिस वाले भी हमारे ही भाई हैं, वे बाहर से नहीं आए हैं। लेकिन उनकी भी मजबूरियां हैं। उन्हें अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है। अगर उन्हें लाठीचार्ज का आदेश मिलता है, तो वे उसे मानने के लिए मजबूर होते हैं, और हमें सहना पड़ता है। कल रात मैंने डीआईजी साहब का बयान सुना। वे भी समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे हमारे साथ हैं। वे हमारी मदद भी कर रहे थे, दवाइयां भी दे रहे थे। लेकिन आज उनकी मजबूरी थी कि उन्हें बॉर्डर खाली कराना पड़ा।"

भविष्य की रणनीति के बारे में उन्होंने बताया, "हमारी नौ सदस्यीय समिति फैसला करेगी कि आगे क्या करना है। जो भी निर्णय होगा, हम उसी के अनुसार चलेंगे। अगर हमारा पिछला कार्यक्रम काम नहीं आया, तो हम नया कार्यक्रम बनाएंगे। फिलहाल, हमारी आगे की रणनीति नौ सदस्यीय समिति के हाथ में है, और हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे।"