पंजाब में नई आबकारी नीति को कैबिनेट की मंजूरी, 11 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य; बीयर के शौकीनों की बल्ले-बल्ले

Cabinet Approves new Excise Policy in Punjab

Cabinet Approves new Excise Policy in Punjab

चंडीगढ़: Cabinet Approves new Excise Policy in Punjab: पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई है. नए साल के लिए सरकार ने आबकारी नीति से 11,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस बार शराब की दुकानें ई-टेंडरिंग के जरिए आवंटित की जाएंगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में यह मंजूरी दी गई.

चीमा ने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा. उन्होंने कहा कि देसी शराब का कोटा तीन प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. चीमा ने यह भी बताया कि प्रवर्तन को और मजबूत करने के लिए नए आबकारी पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे और इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत नया बॉटलिंग संयंत्र लगाने को मंजूरी दी गई है.

शराब लाइसेंस फीस घटाई गई

कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया कि, वित्त वर्ष 2024-25 में 10,200 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया है. उन्होंने कहा कि, इस बार भी नीलामी ई-टेंडरिंग के जरिए की जाएगी. इस बार 207 ग्रुप बनाए गए हैं. ग्रुप का साइज 40 करोड़ रखा गया है. 25 फीसदी प्लस या माइनस रखा गया है.

देशी शराब के लिए तीन फीसदी कोटा रखा गया है. पूर्व सैनिकों के थोक शराब लाइसेंस की फीस पहले 5 लाख रुपये थी, अब यह फीस घटाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है. पहले फार्म में शराब रखने का लाइसेंस सिर्फ 12 बोतल शराब का था. इसे अब 36 बोतल कर दिया गया है. लाइसेंस धारक अब बीयर, वोदका और जिन रख सकेंगे. बीयर की विशेष दुकानों के लिए लाइसेंस फीस घटा दी गई है.

पहले यह फीस 2 लाख रुपये थी, जिसे अब घटाकर 25 हजार रुपये प्रति दुकान कर दिया गया है. पंजाब में नया बॉटलिंग प्लांट लगाने को मंजूरी दे दी गई है. वहीं, काऊ सेस 1 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 1.5 रुपये कर दिया गया है.

जन्म और मृत्यु पंजीकरण को नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव

सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट की बैठक में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के नियमों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया है. अब जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड में संशोधन की जिम्मेदारी डिप्टी कमिश्नर की होगी. पहले यह काम मजिस्ट्रेट के जरिए होता था.

प्रदूषित पानी पर 15 लाख रुपए तक का जुर्माना

कैबिनेट मीटिंग में वाटर अमेंडमेंट एक्ट में संशोधन को भी हरी झंडी दे दी गई. अब प्रदूषित पानी पर 5000 रुपए से 15 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा गया है. पहले नियम तोड़ने पर तीन महीने से एक साल तक की सजा होती थी। अब नियम तोड़ने पर जेल की सजा नहीं होगी, लेकिन 5000 रुपए से 15 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. अगर किसी व्यक्ति की बीमारी से मौत होती है तो डॉक्टर को डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण लिखना होगा. यह जानकारी पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी.