पंजाब में इस दिन सरकारी छुट्टी की घोषणा; बंद रहेंगे सभी सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, देखें

Punjab 6 December Holiday

Punjab Government Declared Holiday on 6 December 2024 Notification

Punjab 6 December Holiday: पंजाब में 6 दिसंबर 2024 को सरकारी छुट्टी की घोषणा की गई है। इस दिन गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस है। इस मौके पर पूरे राज्य में सभी सरकारी कार्यालयों/बोर्डों/निगमों/संस्थानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ-साथ स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी रखी जाएगी। पंजाब सरकार की तरफ से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

बता दें कि पंजाब में गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर हर साल सरकारी छुट्टी रहती है। पंजाब सरकार से पहले हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन ने भी 6 दिसंबर को सरकारी छुट्टी का ऐलान किया था। चंडीगढ़ प्रशासन के तहत आने वाले सभी सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद रहेगा। साथ ही सभी इंस्टिट्यूट बोर्डों, निगमों सहित अन्य सरकारी गतिविधियां भी बंद रहेंगी। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से पहले यह छुट्टी 24 नवम्बर को की गई थी। लेकिन 24 तारीख की जगह अब 6 दिसंबर को छुट्टी की घोषणा की गई।

सिखों के 9वें गुरु हैं तेग बहादुर जी

गुरु तेग बहादुर जी, सिखों के 9वें गुरु हैं। उन्हें 'हिंद की चादर' भी कहा जाता है। गुरु तेग बहादुर जी ऐसे वीर और पराक्रमी थे कि उन्होंने मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों तथा धर्म की रक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व जीवन न्योछावर कर दिया। इसी के साथ गुरु तेग बहाहुर सिंह जी के त्याग और बलिदान की कहानी सदैव के लिए अमर हो गई और साथ अमर हो गए गुरु तेग बहाहुर सिंह जी भी। आज वह सबके लिए एक आदर्श हैं। उनके उदार चित्त तथा विचारवान उपदेशों का अद्वितीय स्थान है।

मुगल शासक औरंगजेब ने शीश कलम किया

बताया जाता है कि, गुरु तेग बहादुर जी का जन्म पंजाब के अमृतसर में सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी के यहां हुआ था। वह गुरु हरगोबिंद सिंह जी के सबसे छोटे पुत्र थे। उनके समय भारत में मुगलों का शासन हुआ करता था। लेकिन कम उम्र से ही गुरु तेग बहादुर जी का जीवन शौर्य से भरा हुआ था। वह मुगलों से कभी नहीं डरे और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे।

कहा जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब चाहता था कि गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार कर लें, और जब मुगल बादशाह ने गुरु तेग बहादुर सिंह जी से इस्लाम धर्म या मौत दोनों में से एक चुनने को कहा, तो गुरु तेग बहादुर जी ने इस्लाम अपनाने से इनकार कर दिया तब गुरु तेग बहादुर सिंह जी का मुगल शासक औरंगजेब ने शीश कलम कर दिया था।

इस तरह गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने सन् 1675 में धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। गुरु जी के शहीद होने के बाद उनके पुत्र गुरु गोबिंद सिंह जी ने उनकी जगह संभाली। गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु हुए। विश्व इतिहास में आज भी उनका नाम एक वीरपुरुष के रूप में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है।