पूर्व मंत्री और BJP नेता मनप्रीत बादल की तलाश तेज; पकड़ने के लिए कई राज्यों में छापेमारी; पंजाब विजिलेंस दे रही दबिश, दो करीबी लोगों को उठाया
Punjab Vigilance Raid on Ex Minister Manpreet Badal For Arresting
Manpreet Badal Vigilance Raid: जमीनी भ्रष्टाचार (लैंड करप्शन) में आरोपित पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता मनप्रीत बादल को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ने कार्रवाई तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि, मनप्रीत बादल की तलाश में विजिलेंस ने कई राज्यों में छापेमारी की है। विजिलेंस की टीमें मनप्रीत बादल पर दबिश करने के लिए हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पहुंची। साथ ही पंजाब में भी विजिलेंस ने बठिंडा सहित अन्य जगहों पर छापेमारी की। बताया जाता कि, बठिंडा में विजिलेंस ने मनप्रीत बादल के एक करीबी ठेकेदार के ठिकानों को खंगाला है। यहां से विजिलेंस ने कुछ जरूरी चीजें भी कब्जे में ली हैं। साथ ही दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बठिंडा कोर्ट ने जारी किया है गिरफ्तारी वारंट
मालूम रहे कि, हाल ही में मनप्रीत बादल के खिलाफ बठिंडा कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने विजिलेंस को आदेश दिया था कि, मनप्रीत बादल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। इससे पहले मनप्रीत बादल के वकील ने बठिंडा कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी। लेकिन बाद में यह जमानत याचिका वापस ले ली गई। बताया गया कि, यह याचिका जांच चलने के दौरान लगाई गई थी। लेकिन अब जब विजिलेंस ने मनप्रीत बादल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है तो फिर नए सिरे से जमानत याचिका दाखिल की जाएगी।
मनप्रीत बादल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी
मनप्रीत बादल के विदेश भागने की संभावना को देखते हुए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी कर दिया गया है। सभी एयरपोर्ट पर मनप्रीत बादल को लेकर अलर्ट जारी है। दरअसल, विजिलेंस को यह लग रहा है कि गिरफ्तारी के डर से मनप्रीत बादल विदेश भाग सकते हैं।
मनप्रीत बादल के खिलाफ पूरा मामला क्या है?
बता दें कि, बठिंडा में जमीनी भ्रष्टाचार (लैंड करप्शन) के मामले को लेकर मनप्रीत बादल पर विजिलेंस ने आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया है। बताया जाता है कि, अफसरों पर राजनीतिक दबाव और प्रभाव दिखाते हुए मनप्रीत बादल ने जमीनी भ्रष्टाचार किया।
बताया जाता है कि, जमीनी भ्रष्टाचार (लैंड करप्शन) के इस मामले में मनप्रीत के अलावा इस मामले में 5 और आरोपियों को नामजद किया गया है। विजिलेंस ब्यूरो 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। जिन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व MLA सरूप चंद सिंगला की शिकायत के बाद विजिलेंस ने यह मामला खोला है। मनप्रीत बादल के खिलाफ बठिंडा के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने शिकायत की थी।
जानकारी के मुताबिक, जब यह शिकायत दर्ज कराई गई थी तब कांग्रेस की सरकार थी और मनप्रीत बादल सरकार में वित्त मंत्री हुआ करते थे। उस समय सरूप सिंगला अकाली दल के नेता थे। हालांकि, अब समय यह है कि सरूप सिंगला और मनप्रीत बादल दोनों ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। एक प्रकार से कहें तो अपनी ही पार्टी के नेता की शिकायत पर मनप्रीत बादल फंस गए हैं।
मनप्रीत बादल का राजनीतिक सफर जान लीजिए
मनप्रीत सिंह बादल इसी साल जनवरी में कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। मनप्रीत सिंह बादल का राजनीतिक सफर काफी लंबा है। वह पंजाब की गिद्दरबाहा विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। बादल पहली बार अकाली दल की टिकट पर 1995 में इस सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद अकाली दल की ही टिकट पर 1997, 2002 और 2007 में भी इस सीट से विधायक बने और 2007 से 2010 तक वह पहली बार पंजाब के वित्त मंत्री भी बने।
लेकिन 2010 में अकाली दल से अलग हो जाने के बाद 2011 में मनप्रीत बादल ने अपनी एक अलग पार्टी बनाई। जिसका नाम था 'People's Party of Punjab'। 2012 के पंजाब चुनाव में बादल ने अपनी इस पार्टी का CPI, CPM और Shiromani Akali Dal (Longowal) के साथ गठबंधन किया और चुनाव में उतरे। लेकिन इस चुनाव में बादल को हार का सामना करना पड़ा।
2016 में पार्टी को कांग्रेस में मर्ज किया
इधर 15 जनवरी 2016 को मनप्रीत सिंह बादल ने अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज करने का ऐलान कर दिया. वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद मनप्रीत सिंह बादल ने बंठिडा अर्बन से 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल करते हुए पांचवी बार विधायक बने। इस दौरान उन्हें दूसरी बार पंजाब का वित्त मंत्री भी बनाया गया।