अमृतसर में 'स्वर्ण मंदिर' में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे; भिंडरावाले के पोस्टर दिखाए, नंगी तलवारें लहराईं, ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी
Punjab Operation Blue Star Anniversary Khalistan Slogans in Golden Temple
Operation Blue Star Anniversary: पंजाब में सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में आज 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी मनाई जा रही है। इस बरसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सिख समुदाय के लोग भारी संख्या में स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) पहुंचे हुए हैं। वहीं इस दौरान 'स्वर्ण मंदिर' में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए हैं। साथ ही खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर भी दिखाए गए हैं। इस बीच सिख समुदाय के कुछ लोगों ने नारेबाजी और पोस्टर के साथ हाथों में नंगी तलवारें भी लहराईं।
वहीं इन सब चीजों से कहीं माहौल खराब न हो जाए। इसके लिए राज्य में आज ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गई है। खासकर अमृतसर में पुलिस सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। खासकर संदिग्धों पर पैनी नजर है। यह तय किया जा रहा है कि किसी भी हाल में कोई अप्रिय गतिविधि न होने पाए और सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त बनी रहे। यहां सिविल ड्रेस में भी लोगों के बीच पुलिस वाले तैनात हैं और अप्रिय स्थिति पर पैनी निगरानी रख रहे हैं। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है। अमृतसर के अलावा पंजाब के तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट, मोहाली और अन्य जिलों में सख्त सुरक्षा की जा रही है।
बरसी पर आयोजित होते हैं कार्यक्रम
पंजाब में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की बरसी पर सिखों के बीच और उनके धार्मिक स्थलों पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं, खासकर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। क्योंकि 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से ही जुड़ा हुआ है। 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को लेकर सिखों में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार और सेना के प्रति नाराजगी जाहिर होती है और इस दौरान खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में खालिस्तान के नारे लगते हैं।
क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार?
बतादें कि, 1980 के दशक में पंजाब के हालात बेहद खराब हो रखे थे। पंजाब में यह वह दौर था, जब पंजाब को अलग ख़ालिस्तान बनाने की मांग और खालिस्तानी गतिविधि यहां बढ़ रही थी। इस दौर में पंजाब में मार-काट जारी थी। आलम यह था कि इस बीच ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने हिंसा करते हुए हरिमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर पर अपना कब्जा कर लिया था।
इधर, इस समय देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी के सामने पंजाब को लेकर सिरदर्दी बढ़ती ही जा रही थी। वहीं, हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर पर कब्जा होने के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को कब्जा हटवाने की जिम्मेदारी दी.
जहां, भारतीय सेना ने एक ऑपरेशन शुरू किया। जिसे नाम मिला 'ऑपरेशन ब्लू स्टार'। सरकार के आदेश पर सेना ने गोल्डन टेंपल से अलगाववादियों को बाहर निकालने के लिए 1 जून से 6 जून 1984 तक सैन्य कार्रवाई की। 6 जून 1984 को भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में जनरैल सिंह भिंडरावाले को मार गिराया और हरिमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर को आजादी मिली व इसी के साथ यह ऑपरेशन भी खत्म हो गया।
बताते हैं कि, इस ऑपरेशन में जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों व अन्य लोगों सहित 450 से ज्यादा लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। इस ऑपरेशन से सेना को भी काफी नुक्सान पहुंचा था। सेना के भी कई जवानों की जान चली गई थी। वहीं इस दौरान स्वर्ण मंदिर और अकाल तख्त को भी काफी नुकसान हुआ था।
एएनआई के हवाले से वीडियो