Punjab is continuously showing success in Agriculture Infrastructure Fund Scheme

कृषि बुनियादी ढांचा फ़ंड स्कीम में पंजाब निरंतर गाड़ रहा है सफ़लता के झंडे: चेतन सिंह जौड़ामाजरा

Punjab is continuously showing success in Agriculture Infrastructure Fund Scheme

Punjab is continuously showing success in Agriculture Infrastructure Fund Scheme

Punjab is continuously showing success in Agriculture Infrastructure Fund Scheme- चंडीगढ़I पंजाब के किसानों और कृषि से जुड़े उद्यमियों के कृषि बुनियादी ढांचा फ़ंड (ए.आई.एफ) स्कीम की ओर निरंतर बढ़ रहे रुझान ने एक बार फिर पंजाबियों की उद्यमी भावना को प्रदर्शित किया है। कृषि उपज के बाद के प्रबंधन सम्बन्धी प्रोजेक्टों और साझा कृषि सम्पतियां स्थापित करने के लिए लाभप्रद इस स्कीम के अधीन अब तक राज्य सरकार को 10,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

स्कीम सम्बन्धी ताज़ा आंकड़े साझा करते हुए पंजाब के बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि राज्य सरकार को 18 सितम्बर तक कुल 10,509 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 6042 आवेदनों को पहले ही मंज़ूरी दी जा चुकी है जबकि 5166 आवेदनों का निपटारा किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि पंजाब ने इस स्कीम के अंतर्गत मंज़ूर हुए आवेदनों के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया है। बता दें कि स्कीम के अंतर्गत तीन ज़िलों ने 1000 आवेदनों के आंकड़े को पार किया है, जिनमें बठिंडा 1286 आवेदनों, फ़ाज़िल्का 1158 आवेदनों और पटियाला 1087 आवेदनों के साथ अग्रणी चल रहे हैं।

बाग़बानी मंत्री ने बताया कि ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत पात्र गतिविधियों के लिए 2 करोड़ रुपए तक के मियादी कर्ज़े पर 3 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है जबकि ब्याज दर की सीमा 9 प्रतिशत निश्चित की गई है। इस सहायता का लाभ 7 सालों तक लिया जा सकता है और हर लाभार्थी विभिन्न स्थानों पर अधिक से अधिक 25 प्रोजैक्ट स्थापित कर सकता है।

स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि पात्र प्रोजेक्टों के अंतर्गत भंडारण बुनियादी ढांचा (जैसे गोदाम, साईलोज़, कोल्ड स्टोर, कोल्ड रूम आदि), प्राइमरी प्रोसेसिंग सैंटर (जैसे आटा चक्की, दाल मिल, तेल निकालने वाली यूनिट, राइस शैलर, मसाला प्रोसेसिंग, गुड़ बनाने आदि), छटाई एंड ग्रेडिंग यूनिट, पैकहाऊस, राईपनिंग चेंबर, कृषि यंत्र (न्यूनतम 4 यंत्र), कम्बाईन हारवैस्टर, बूम स्प्रेयर, बेलर, रुई पिंजाई, शहद प्रोसेसिंग, रेशम प्रोसेसिंग, नरसरियाँ, बीज प्रोसेसिंग, केंचुआ खाद और कम्परैसड बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान समूहों द्वारा मशरूम फार्मिंग, ऐरोपोनिक्स, हाईड्रोपौनिक्स, पोलीहाऊस, ग्रीनहाउस आदि जैसे प्रोजैक्ट भी स्थापित किए जा सकते हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत पात्र प्रोजेक्टों पर सोलर पैनल और सोलर पंप भी लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाग़बानी विभाग, जो पंजाब में इस स्कीम को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है, ने स्कीम सम्बन्धी किसी भी तरह की जानकारी के लिए वट्टसऐप हेल्पलाइन नंबर 9056092906 जारी किया हुआ है ताकि किसानों की किसी भी तरह की मुश्किल का तुरंत निपटारा किया जा सके।

कृषि और बाग़बानी क्षेत्र को और ऊँचाईयों पर ले जाने की वचनबद्धता दोहराते हुए स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न पहलकदमियों और स्कीमों के द्वारा किसानों को समर्थ बनाकर राज्य में कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है।