पंजाब गवर्नर का एक और लेटर; CM भगवंत मान से कहा- आपका विधानसभा सत्र गैरकानूनी था, मुझे भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रहीं, अब बिना देरी करे जवाब दो
Punjab Governor Letter To CM Mann Again
Punjab Governor Letter To CM Mann Again: पंजाब में गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान में टकराव थम नहीं रहा। लगातार दोनों के बीच तल्ख रुख जारी है। गवर्नर पुरोहित ने अब एक बार फिर से मुख्यमंत्री मान को लेटर लिखा है। गवर्नर पुरोहित का यह लेटर पंजाब के उस विधानसभा सत्र के बारे में है जो मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा 19 और 20 जून को बुलाया गया था। गवर्नर पुरोहित ने इस सत्र को पहले भी गैरकानूनी बताया था लेकिन उस दौरान गवर्नर ने इस बारे में पुख्ता रूप से कानूनी सलाह लेने की बात कही थी। इसलिए गवर्नर पुरोहित ने अब जो लेटर लिखा है वह कानूनी सलाह ले लेने के बाद लिखा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान को जारी लेटर में गवर्नर पुरोहित ने लिखा- 19 और 20 जून को बुलाए गए पंजाब विधानसभा सत्र पर मैं आपकी कई टिप्पणियां सुन रहा हूं, आप कहते हैं कि गवर्नर ने विधानसभा सत्र के बारे में कोई कानूनी राय नहीं ली है, लेकिन मैं आपको बता दूँ कि, आपके पंजाब विधानसभा सत्र के बारे में मैंने प्रमुख संवैधानिक विशेषज्ञ से सलाह ली है और इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 19 और 20 जून को आपका बुलाया गया सत्र पूर्ण रूप से अवैध था, गैरकानूनी था। इसलिए अब आपकी टिप्पणियों के बारे मेरी तरफ से प्रतिक्रिया देने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। अब आप बिना देरी के मुझे जल्द से जल्द जवाब दें.
मेरे अन्य 'लव लेटर्स' का भी जवाब दो
गवर्नर पुरोहित ने अपने इस लेटर में आज 'लव लेटर्स' की बात भी कर दी। दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्र के दौरान यह कहा था कि, गवर्नर उन्हें 'लव लेटर्स' भेज रहे हैं। मान ने गवर्नर पर तंज़ कसा था। जहां इसी बात को लेकर अब गवर्नर पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखा- मैं आपको फिर से याद दिला रहा हूं कि मेरे जो पत्र आपके पास लावारिस पड़े हैं जिन्हें आपने "'लव लेटर्स'" कहा है। उनके बारे में भी जवाब दीजिये। आपको यह पता होना चाहिए कि संविधान के अनुसार, गवर्नर द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री बाध्य है। सूचना न देना संविधान के अनुच्छेद 167 का स्पष्ट उल्लंघन है।
भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिल रही हैं
गवर्नर पुरोहित ने आगे लिखा- विधानसभा में बहस के दौरान आपने मेरे बारे में आक्षेप लगाए। आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि राज्यपाल के रूप में, मैं भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त एक संवैधानिक प्राधिकारी हूं और मुझे न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और ईमानदार प्रशासन सुनिश्चित करने का कर्तव्य सौंपा गया है और मुझे यह देखना है कि शासन भ्रष्टाचार मुक्त हो। गवर्नर पुरोहित ने अंत में लिखा- चूंकि मुझे भ्रष्टाचार की विभिन्न शिकायतें मिल रही हैं, इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप मुझे बिना चूके जल्द से जल्द जवाब दें। अन्यथा यह संविधान का घोर उल्लंघन माना जायेगा।