पंजाब के गवर्नर को CM की दो टूक; भगवंत मान बोले- इलेक्टेड लोग बड़े होते हैं, न की सिलेक्टेड, इसलिए आप बीच में टांग न अड़ाएं
Punjab Governor-CM Controversy
Punjab Governor-CM Controversy: पंजाब के गवर्नर और भगवंत मान सरकार के बीच खाई बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां गवर्नर लेटर जारी कर सीएम भगवंत मान से सवाल पर सवाल कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सीएम मान भी दो टूक जवाब दिए जा रहे हैं। अब प्रिंसिपलों को सिंगापुर भेजने वाले गवर्नर के सवाल पर सीएम मान ने जवाब दिया है। सीएम मान ने विधायकों के ट्रेनिंग सेशन में गवर्नर का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब के फैसले जनता द्वारा चुने हुए लोग (इलेक्टेड) ही लेंगे, कोई सिलेक्टेड नहीं। इसलिए सिलेक्टेड लोग फैसलों में टांग न अड़ाएं।
इधर इसके साथ ही इस बीच मुख्यमंत्री की ओर से गवर्नर को उनके द्वारा इसी मुद्दे पर लिखे गए पत्र का जवाब भी भेज दिया गया है। इस पत्र में भगवंत मान ने लिखा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं मैं और मेरी सरकार 3 करोड़ पंजाबियों को जवाबदेह है। आपने मुझे पूछा है कि सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए टीचरों का चुनाव किस आधार पर किया है? पंजाब के लोग पूछना चाहते हैं कि भारतीय संविधान में किसी स्पष्ट योग्यता के बगैर केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल किस आधार पर चुने जाते हैं। यह बताकर पंजाबियों की जानकारी बढ़ाई जाए।
गौरतलब है कि सोमवार को ही पंजाब गवर्नर बीएल पुरोहित ने भगवंत मान सरकार को लैटर लिखा था। इसमें ट्रेनिंग पर विदेश भेजे गए टीचरों को सिलेक्ट करने संबंधी क्राइटेरिया के साथ-साथ उनके आने-जाने, विदेश में रहने और खाने-पीने पर आए खर्च की डिटेल मांगी गई। 15 दिन में यह डिटेल न मिलने की सूरत में कानूनी राय लेकर जरूरी एक्शन लेने की बात भी गवर्नर के लैटर में लिखी गई। गवर्नर का ये लैटर मीडिया में जारी होने के बाद सीएम भगवंत मान ने उन्हें संबोधित करते हुए ट्वीट कर कहा कि मैं 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हूं, न कि गवर्नर के। इसे ही मेरा जवाब समझें।’
फैसलों में बेवजह टांग न अड़ाएं
मंगलवार दोपहर पंजाब के नए विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही से जुड़ी ट्रेनिंग देने के लिए लगाए गए दो दिवसीय कैंप का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम भगवंत मान ने गवर्नर बीएल पुरोहित का बिना नाम लिए उनके कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सिलेक्टेड लोग इलेक्टेड लोगों की ओर से लिए गए फैसलों में बेवजह अपनी टांग न अड़ाएं। सिलेक्टेड लोग किसी के बहकावे में हैं और गलतफहमी का शिकार हैं। वह कानून की धमकियां न दें। कानून सबके लिए समान है और हम भी कानून जानते हैं।’ भगवंत मान ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। भटके हुए लोग भी जल्दी ही रास्ते पर आ जाएंगे। उन्हें रास्ते पर ले आएंगे।
लोकतंत्र में तख्तापलट होते देर नहीं लगती
भगवंत मान ने बीजेपी और केंद्र सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में लोग सुप्रीम हैं। लोग सबकुछ जज करते हैं। अहंकार ठीक नहीं होता। पंजाब में जो लोग कहा करते थे कि वो ही विधानसभा की बैंचों पर बैठेंगें और जिन्होंने आम जनता के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए थे, उन्हें जनता ने चुनाव में हकीकत दिखा दी।’ भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली म्युनिसिपल कार्पोरेशन (एमसीडी) के चुनाव में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने के बावजूद उसका मेयर नहीं बनने दिया जा रहा। पार्टी को इसके लिए कोर्ट जाना पड़ रहा है। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। लोकतंत्र में तख्तापलट होते देर नहीं लगती।