पंजाब सरकार ने माघी मेले के दौरान घोड़ों से सम्बन्धित गतिविधियों को दी मंजूरी
Punjab Maghi Mela
श्री मुक्तसर साहिब में लगने वाले पशुधन मेले में होशियारपुर को छोडक़र राज्य भर के घोड़ा मालिक हिस्सा ले सकते हैं: गुरमीत सिंह खुड्डियां
इच्छुक मालिक अपने घोड़ों की ग्लैंडर्स टेस्टिंग की नैगेटिव रिपोर्ट लाना सुनिश्चित बनाएं: पशु पालन मंत्री
चंडीगढ़, 4 जनवरी: Punjab Maghi Mela: राज्य के घोड़ा मालिकों और ब्रीडरों को बड़ी खुशखबरी देते हुए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज श्री मुक्तसर साहिब में लगने वाले माघी मेले के दौरान 9 से 16 जनवरी तक चलने वाले पशुधन मेले में घोड़ों से सम्बन्धित गतिविधियों को मंजूरी दे दी है।
जि़क्रयोग्य है कि तेज़ी से फैलने वाली इस ज़ूनोटिक ग्लैंडर्स बीमारी को रोकने और नेशनल एक्शन प्लैन फॉर ग्लैंडर्स ( भारत सरकार) के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने मई 2023 में घोड़ों से सम्बन्धित गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना और होशियारपुर जिलों से घोड़ों में गलैंडर्स बीमारी फैलने की रिपोर्टें मिली थीं, जिस कारण राज्य सरकार ने घोड़ों से सम्बन्धित गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी।
उन्होंने बताया कि अमृतसर, बठिंडा और लुधियाना जिलों में निगरानी के दौरान ग्लैंडर्स का कोई भी केस पॉजि़टिव नहीं आया है, जिस कारण राज्य सरकार ने यह पाबंदी हटाने का फ़ैसला किया है। इससे घोड़ा मालिकों को माघी मेले के दौरान पशुधन मेले में हिस्सा लेने की आज्ञा दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि होशियारपुर के घोड़े इस मेले में हिस्सा नहीं ले सकते हैं क्योंकि वहाँ अभी टेस्टिंग चल रही है।
श्री खुड्डियां ने बताया कि इच्छुक मालिकों को हिस्सा ले रहे घोड़ों की एन.आर.डी.डी.एल. जालंधर या एन.आर.सी.ई. हिसार या राज्य द्वारा प्रामानित डायग्नॉस्टिक लैब से गलैंडर्स टेस्टिंग की नेगेटिव रिपोर्ट लाना सुनिश्चित बनाना होगा और यह रिपोर्ट 30 दिनों से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि हिस्सा लेने वाले घोड़ों के सभी मालिकों को सम्बन्धित जिले के डिप्टी डायरैक्टर पशु-पालन द्वारा सत्यापित ‘‘अंडरटेकिंग’’ लेकर आनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि मेले वाले स्थान पर घोड़ों की एंट्री से पहले इस अंडरटेकिंग की जांच एन.आर.डी.डी.एल., जालंधर और स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा की जाएगी।
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