पंजाब विधानसभा का प्रस्ताव संविधान विरोधी - सत्य पाल जैन
पंजाब विधानसभा का प्रस्ताव संविधान विरोधी - सत्य पाल जैन
चण्डीगढ 01 अप्रैल, 2022. चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अपर महासालिसिटर श्री सत्य पाल जैन ने कहा कि पंजाब विधानसभा द्वारा आज पारित प्रस्ताव ‘‘अर्थहीन’’, ‘‘तर्कहीन’’ तथा ‘‘महत्वहीन’’ है। पंजाब सरकार का ये कदम पहली अपैल के दिन जनता का अप्रैल फूल बनाने जैसा कदम है ताकि जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाकर लोगों को गुमराह किया जा सके।
श्री जैन ने कहा कि चण्डीगढ़ में जो केन्द्रीय सर्विस रूल्स लागू किय गये हैं वह भारत के संविधान की धारा 309 के अन्तर्गत बनाये गये हैं जो केन्द्र सरकार को अपने कर्मचारियों के लिये रूल्स बनाने के अधिकार देता है, इसलिये पंजाब सरकार या पंजाब विधानसभा के पास उनके विरूद्ध प्रस्ताव पास करने का कोई अधिकार नही है और कोई भी ऐसा प्रस्ताव असंवैधानिक है।
श्री जैन ने कहा कि अच्छा होता यदि पंजाब सरकार यूटी के कर्मचारियों को मिले पे-स्केल का विरोध करने के बजाय, अपने कर्मचारियों को उससे भी अधिक पे-स्केल देने का प्रस्ताव लाती, परन्तु कर्मचारियों को मिले अधिक वेतनमान का विरोध करके पंजाब सरकार ने यह साबित कर दिया कि वह कर्मचारी विरोधी है।
श्री जैन ने कहा कि 1966 में पंजाब के विभाजन के समय शाह कमीषन ने पूरी खरड़ तहसील, जिसका चण्डीगढ़ भी हिस्सा था, हरियाणा को देने की सिफारिश की थी परन्तु तबकि केन्द्र सरकार ने चण्डीगढ़ को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया तथा खरड़ शहर को पजाब में दे दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 55 वर्षो से चण्डीगढ़ एक केद्र शासित प्रदेश है हालांकि पंजाब विधानसभा पहले भी कई बार ऐसे प्रस्ताव पास कर चुकी है।
श्री जैन ने कहा कि आम आदमी पार्टी का चण्डीगढ़ यूनिट अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि क्या वो चण्डीगढ़ को पंजाब में देने के पक्ष में है या इसे यू.टी. ही बनाये रखना चाहता है।