जनता लोकल के लिये वोकल होगी, बहुरूपिये के लिये नहीं
- By Vinod --
- Tuesday, 16 Apr, 2024
Public will be vocal for local, not for impersonators
Public will be vocal for local, not for impersonators- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ में आगामी 1 जून को सातवें चरण में लोकसभा के चुनाव हैं। चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। पार्टियों ने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। प्रचार शुरू हो चुका है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा ने दिग्गज नेता और चंडीगढ़ के पूर्व भाजपा अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी संजय टंडन को प्रत्याशी बनाया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी धुरंधर नेता और केंद्र सरकार में मंत्री रहे मनीष तिवारी को मैदान में उतारा है। संजय टंडन से दैनिक अर्थप्रकाश के विशेष संवाददाता से विभिन्न मुद्दों और परिस्थितियों को लेकर बातचीत की, जिसका भाजपा प्रत्याशी ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। टंडन ने चंडीगढ़ में इंडी एलायंस (कांग्रेस-आप) पर सवाल खड़े किये। कहा कि आखिर ये कैसा बेमेल गठबंधन है? जनता को ढग़ने के लिये साथ हो लिये। मेयर पद पर जीत हासिल करनी थी, कर ली। चंडीगढ़ के साथ सटते पंजाब के इलाकों में दोनों दलों के नेता एक दूसरे को जी भरकर गाली निकालते हैं। यहां जफ्फी डालते हैं। यह अलायंस लोगों को गुमराह करने और भ्रम फैलाने में लगा है। जनता सब देख समझ रही है। अपने प्रतिद्वंदी मनीष तिवारी को संजय टंडन बाहरी बता रहे हैं। उनकी दलील है कि चंडीगढ़ में ये रहते नहीं। शहर से उनका कोई सरोकार नहीं। यहां उनका घर जरूर है जहां कभी कभार आते हैं। चंडीगढ़ की जनता उन्हें कहां ढूंढेगी। कैसे काम करायेगी? मनीष तिवारी सुप्रीम कोर्ट में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस करते हैं। क्या उन्हें लोग सुप्रीम कोर्ट जाकर पकड़ेंगे? लोगों को अपने बीचे का नुमाइंदा चाहिये। संजय टंडन के रूप में उन्हें वह मिल रहा है। लोग लोकल के लिये ही वोकल होंगे। किसी बहुरुपिये के लिये नहीं।
-मनीष तिवारी दावा कर रहे हैं कि वह लोकल हैं इसे किस रूप में देखते हैं?
यह तो चंडीगढ़ की जनता जानती है कि लोकल प्रत्याशी कौन है। जिंदगी में कई मौके ऐसे आते हैं,जहां आपको निर्णय करना पड़ता है कि यह निर्णय सही है या गलत। 2009 में मैंने टिकट का दावा किया था लेकिन पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया। 2014 में भी टिकट नहीं मिली लेकिन बिना किसी मनमुटाव के पार्टी का काम करते रहे। 2019 में भी पार्टी ने मौका नहीं दिया लेकिन बिना मुस्कुराहट खोये अपनी पार्टी और बड़ी बहन के लिये काम किया। पार्टी या लोगों के काम के लिये कभी पीछे नहीं हटे। ये तो दूसरे लोगों को जवाब देना है कि उनके पिछले 20 वर्ष कहां बीते हैं? कैसे बीते हैं? उनका परिवार कहां है? कहां सैटल है? उनकी दिनचर्या क्या है? मेरे बारे तो पूरा चंडीगढ़ जानता है कि मेरी क्या दिनचर्या है। मैं रोज कितने लोगों से मिलता हूं। मेरी उपलब्धता क्या है। मैं लोगों के कितने टेलीफोन सुनता हूं। लोगों के कार्यक्रम में या सुख दुख में कितना शामिल होता हूं। चंडीगढ़ के लोग यह भली भांति जानते हैं। यही वजह है कि लोग लोकल के लिये ही वोकल होंगे। किसी बहुरुपिये के लिये वोकल नहीं होंगे।
सवाल: मनीष तिवारी कहते हैं कि यह देश के लिये चुनाव है, कोई लोकल चुनाव नहीं?
जवाब: यह सब भलीभांति जानते हैं देश का चुनाव है। पार्लियामेंट को चुनना है जिसके माध्यम से पीएम को चुनना है। केंद्र में सरकार तो भाजपा की ही आ रही है। प्रधानमंत्री तो नरेंद्र मोदी जी ने ही बनना है। जिसकी केंद्र में सरकार होती है,चंडीगढ़ भी उसी तरफ जाता है। यूटी होने के नाते चंडीगढ़ अलग दिशा में नहीं जाता। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) से यूटी को हमेशा काम पड़ते हैं। यही विश्वास है कि लोग केंद्र में जीत रही सरकार को चंडीगढ़ से भी जितायेंगे।
सवाल: आपने एक बार भी चुनाव नहीं लड़ा और मनीष तिवारी तीन बार चुनाव लड़ कर जीत चुके हैं। इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: किसी व्यक्ति का किरदार क्या है, लोग उसकी पहचान करते हैं। पहली बार मनीष तिवारी कहीं से लड़े, दूसरी बार कहीं और से लड़े, लोगों से क्या वादे किये। उनके प्रति क्या जवाबदेही रही। लोगों की उनसे क्या अपेक्षाएं थी। चंडीगढ़ में लोग यह सवाल तो पूछेंगे कि क्या वादे पूरे नहीं किये कि दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। क्या गारंटी है कि अगर आप नहीं भी जीतते तो क्या जनता की सेवा करते रहेंगे और यहां रहेंगे। जीतने की गारंटी नहीं है, हारने की क्या गारंटी दोगे। बिना लड़े हुए हमारे किरदार ने तो यह गारंटी लोगों को दे दी है।
सवाल-आपको क्या लगता है कि लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ में स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे या राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह देंगे?
जवाब: लोकसभा के चुनाव में देश के मुद्दे ही प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री और सांसद चुना जाना है। देश की पोजीशन दुनिया में कैसी है? डिफेंस सिस्टम कैसा है, ओवरऑल लॉ एंड ऑर्डर कैसा है। वित्तिय स्थिति या बजट कैसा है? कांग्रेस की सरकारें और मोदी जी के दस साल का क्या अंतर है। कांग्रेस के दस साल खुली किताब की तरह लोगों के सामने हैं। कांग्रेस का एक समय ऐसा था कि हर महीने स्कैम-स्कैम था तो मोदी जी के दस साल में स्कीम-स्कीम थी। स्कैम से स्कीम के रास्ते को जनता समझ रही है। कहीं पर केवल परिवारवाद है, एक परिवार को खुश करने को सरकार काम करती है। दूसरी तरफ परिवारवाद का नाम ही नहीं है। प्रधानमंत्री अपने परिवार के लिये नहीं बल्कि गरीब, किसान, आम आदमी, युवा, नारी शक्ति, अन्नदाता के लिये काम कर रहे हैं। उनके काम करने का तरीका ही अलग है। तुष्टिकरण की राजनीति से वह पूरी तरह अलग हैं। हमारे मैनीफेस्टो में भी इन्हीं चीजों को दर्शाया है।
सवाल: कांग्रेस में गुटबाजी है तो भाजपा भी इससे अलग नहीं है। क्या भाजपा के चंडीगढ़ से पूर्व सांसद व एडीशनल एडवोकेट जनरल सत्यपाल जैन को मनायेंगे?
जवाब: सबसे पहले मंदिर फिर गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका। इसके उपरांत किरण खेर जी और फिर सत्यपाल जैन जी के घर गया और उनसे मिला। इसके बाद पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, यशपाल महाजन और कमला शर्मा के घर भी गया। इसके उपरांत वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा के पास गया और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण सूद के साथ कार्यक्रमों में शामिल हुआ। मैं अपने कार्यकर्ता को पलकों पर बिठाकर काम करता हूं और करता रहूंगा। मेरा कार्यकर्ता शिरोधारी है। कार्यकर्ता इस चीज को बखूबी जानता है कि संजय टंडन उनके लिये उपलब्ध हैं। उन्हें अपने काम के लिये कभी भी पकड़ सकते हैं। उसके घर जा सकते हैं। संजय टंडन की यही सबसे बड़ी यूएसपी है कि वो हार्डकोर लोकलाइट है। मेरा वादा है कि मेरे जीवनकाल का पलपल चंडीगढ़ वासियों की सेवा में गुजरेगा।
सवाल:उद्योगपतियों, व्यापारियों, प्रापर्टी डीलरों के मुद्दे लगातार भाजपा के मैनीफेस्टो में डलते रहे लेकिन इनका आज तक हल नहीं हुआ?
जवाब: चंडीगढ़ के अगले पांच साल सुनहरे अध्याय बनने जा रहे हैं। मेरी ये गारंटी है कि जो भी पैंडिंग मुद्दे हैं, उन्हें ब्यूरोक्रेसी के जरिये केंद्र सरकार से सुलझाने का प्रयास करेंगे। कुछ चीजों को सामने बैठ कर निर्णय कराने की जरूरत है, वह इसे पूरा करेंगे।
सवाल:वर्तमान सांसद को चंडीगढ़ वासियों का विरोध झेलना पड़ा कि उनकी उपलब्धता नहीं थी?
जवाब: किरण जी के कार्यकाल में कई काम हुए हैं। उनकी सेहत की समस्या सामने आई। राष्ट्रीय अध्यक्ष को उन्होंने इस बारे बता दिया कि वह चुनाव नहीं लडऩा चाहती। इसके बाद उन्हें चुना गया और मौका मिला। उनके कार्यकाल में शहर का ग्रीन कवर अच्छा हुआ। यूटी में सबसे ज्यादा सोलर पर काम हुआ। सिंगापुर जैसा बर्ड पार्क यहां बना। रेलवे स्टेशन भी एशिया का सबसे शानदार स्टेशन बन रहा है। चंडीगढ़ एक बड़ा सेंटर बनकर उभरेगा। 300 किलोमीटर का बेहतरीन साइकिल ट्रैक यहां बना है। कमांड सेंटर के जरिये शहर भर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ट्रैफिक लॉ आर्डर काफी बेहतर है। चंडीगढ़ में सडक़ों का जाल भी सबसे अच्छा है। डड्डूमाजरा में कूड़े का पहाड़ समाप्त हो रहा है। शहर में नई इंडस्ट्रियल पालिसी आई और इसके बाद खेल नीति भी आई जिसका मैं चेयरमैन था। अब चंडीगढ़ में हरियाणा पंजाब की तर्ज पर खिलाडिय़ों को अवार्ड दिये जा रहे हैं। खिलाड़ी चंडीगढ़ से ही खेलना चाहते हैं। हाल में एथलेटिक्स, स्कैटिंग चैंपियनशिप यहां पर हुई। निरंतरता में यह चीजें चल रही हैं। भविष्य में मेट्रो रेल या मोनो रेल आएगी ताकि लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक ऑल्टरनेट मिले। सोलर के मामले में यूटी को देश में नंबर वन कैसे किया जाए, इस पर काम होगा। चंडीगढ़ की समस्याओं पर जैसे किरण जी ने काम किया उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।
सवाल:कांग्रेस-आप गठबंधन के प्रत्याशी मनीष तिवारी को मजबूत या कमजोर कैसा प्रत्याशी मानते हैं?
जवाब: मनीष जी का चंडीगढ़ आने पर स्वागत है लेकिन भाजपा बड़े मार्जिन से चंडीगढ़ की सीट जीतेगी, ऐसा मेरा विश्वास है। लोकल होने के नाते लोग हमें ही चुनेंगे।
सवाल: कांग्रेस-आप के गठबंधन को कैसे देखते हैं? भाजपा-अकाली का गठबंधन नहीं हो पाया?
जवाब: ये जो इंडी एलायंस है, चंडीगढ़ के साथ सटते नयाग्राम (पंजाब का इलाका) में कांग्रेस और आप एक दूसरे को गाली देते हैं। खुड्डा अलीशेर में एक दूसरे को इक्ठ्ठा बताते हैं। क्या मंशा है कि बिना विचारधारा मिले एक दूसरे से हाथ मिलाया? क्या मंशा है आप दो साल तक एक दूसरे को गाली दे रहे थे और अब जफ्फी डाल ली? पंजाब में यह अलायंस क्यों नहीं? नीतीश कुमार ने इनका साथ छोड़ दिया। टीएमसी ने अलग लडऩे की घोषणा कर दी। यह किस तरह का अलायंस है। ये टुकड़े टुकड़े गैंग देश का संचालन नहीं कर सकता।